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 सीएए और एनआरसी का समर्थन करते हुए दावा किया कि देश में सफाई की जरूरत है : राज ठाकरे

 सीएए और एनआरसी का समर्थन करते हुए दावा किया कि देश में सफाई की जरूरत है : राज ठाकरे

 सीएए और एनआरसी का समर्थन करते हुए दावा किया कि देश में सफाई की जरूरत है : राज ठाकरे
 एमएनएस ने मुंबई में मरीन ड्राइव से आज़ाद मैदान तक विशाल मोर्चा निकालकर नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का समर्थन करते हुए दावा किया कि देश मे सफाई की जरूरत है। पाकिस्तानी और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ मुंबई में एमएनएस का विशाल मोर्चा मरीन ड्राइव से निकला और आजाद मैदान में सभा में तब्दील हो गया। जहां एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे  ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ मोर्चा निकालने वालों को अपनी शैली में चेताया।
बाद में रैली को राज ठाकरे ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, 'देश भर जो मोर्चे निकले मुसलमानों के, मुझे तो समझ ही नहीं आया। अरे पाकिस्तानी और बांग्लादेशियों को भगाना ही चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'मैने कहा था मोर्चे का उत्तर मोर्चा होगा। आज आप सभी लोगों ने मुहतोड़ जवाब दिया। गज़ब स्थिति हो गई, या तो उधर या इधर। केंद्र की तारीफ की तो बीजेपी का आदमी और गलत किया तो विरोध भी तो किया।'
सीएए की बात करते हुए राज ठाकरे ने कहा, 'ये जो कानून है, जो धार्मिक रूप से पताड़ि‍त थे उनके लिए ये कानून था। तब की परिस्थिति अलग थी, आज की अलग है। सीएए और एनआरसी इस विषय पर बहुत पढ़ा मैंने। सिर्फ 4 लाइन का कानून है। भारत ने क्या इंसानियत का ठेका लिया है। 26/11 आतंकी कहां से आये थे? अब बचा  एनआरसी। मेरा देश क्या धर्मशाला है? मैं मानता हूं कि देश में और भी समस्याएं हैं लेकिन घुसपैठियों की बड़ी समस्या है। उन्हें निकालना ही चाहिए।'
मनसे प्रमुख ने कहा, 'अमेरिका का जो ट्विन टावर लादेन ने गिराया वो लादेन पाकिस्तान में मिला। 1993 में धामाके हुए तब आरोपियों को किसने संभाला, पाकिस्तान ने। सीएए में गलत क्या है? मीरा रोड में बड़ी संख्या में नाइजीरियन रहते हैं। क्या हालत है वहां पर? इस सबका जोर किस पर पड़ता है, हमारी पुलिस पर। कल मैंने कहीं पढ़ा कि एक बंगलादेशी मुसलमान ने मराठी नाम रखकर हिन्दू युवती से शादी की। हमारे देश के कोंकण के जो मुलसमान हैं वहां कभी दंगे नहीं होते। इसी आजाद मैदान पर रजा अकादमी ने मोर्चा निकाला था। उनकी हिम्मत देखिए पुलिस पर हाथ उठाया। महिला पुलिस पर भी हाथ उठाया। हम क्या चीज हैं। यही काम है। कहा जा रहा है एनआरसी में हिन्दू दलित और आदिवासियों से भी कागज मांगे जाएंगे। अरे वो तो भारतीय हैं, उनसे कैसा कागज मांगने का है। राज्य सरकार से बोलकर कोई फायदा नहीं। केंद्र सरकार से ही कहना होगा। पुलिस को 48 घंटे दो फिर देखो। बम फूटे तो मोमबत्ती जलाने का। हम हिन्दू कब होते हैं, जब दंगल होता है। वरना हम हिन्दू नहीं रहते। ये जो मोर्चे निकाल रहे हैं उन्हें मोर्चे से उत्तर है। आगे पत्थर का पत्थर से उत्तर और तलवार का तलवार से उत्तर देंगे। जो देश का मुसलमान है उनका भी काम है कि वो गलत करने वालों पर नजर रखें, समय रहते बताएं।'
मोर्चा में शामिल होने के लिए पूरे महाराष्ट्र से मनसे कार्यकर्ता सार्वजनिक परिवहन, बसें, निजी वाहन, यहां तक की बाइक से ही शनिवार रात को यहां पहुंचने लगे थे। गिरगांव चौपाटी से लेकर आजाद मैदान तक पूरे मार्ग पर मनसे पार्टी का भगवा झंडा, जिस पर छत्रपति शिवाजी महाराज का शाही मुहर बना हुआ है, लहराता नजर आया। 

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