YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

रीजनल

सुभाष का इस्तीफा, अब मनोज तिवारी की बारी

सुभाष का इस्तीफा, अब मनोज तिवारी की बारी

सुभाष का इस्तीफा, अब मनोज तिवारी की बारी
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में आम आदमी पार्टी लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है। आप की यह लगातार दूसरी प्रचंड जीत है। इस जीत का असर कारारी हार झेलने वाली बीजेपी और कांग्रेस में दिखनी शुरू हो गई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी भी अगले कुछ दिनों में प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी से त्यागपत्र दे सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि करारी हार के बाद बीजेपी प्रदेश संगठन में बड़ा फेरदबल करने की तैयारी में है। बीजेपी के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी ने बताया कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ही नहीं संगठन के अन्य पदाधिकारियों को हटाने की भी तैयारी में है।  
नए चेहरे को जिम्मेदारी सौंप सकती है बीजेपी
बीजेपी की केंद्रीय टीम से जुड़े एक नेता ने कहा, मनोज तिवारी का वैसे भी तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुका है। उन्हें पार्टी ने नवंबर 2016 में प्रदेश अध्यक्ष बनाया था, कायदे से तो अब तक नया प्रदेश अध्यक्ष बन जाना चाहिए था, मगर दिल्ली चुनाव के कारण राज्य में संगठन चुनाव स्थगित रहा। अब चुनाव के बाद राज्य के संगठन चुनाव में किसी नए चेहरे को कमान मिलेगी। सपा के टिकट पर कभी गोरखपुर में योगी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके मनोज तिवारी ने वर्ष 2013 में भगवा कैंप का रुख किया तो कम समय में सबसे ज्यादा सफलता की सीढिय़ां चढऩे में सफल रहे। तीन साल में ही उन्हें वो सब कुछ मिल गया, जिसकी हर नेता को तलाश होती है। पहले 2014 में पार्टी ने उत्तरी-पूर्वी दिल्ली से लोकसभा का टिकट दिया तो मोदी लहर में सांसद बने और फिर 2016 में ही पूर्वांचलियों का वोट बैंक साधने के चक्कर में पार्टी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पूरा राज्य संगठन हवाले कर दिया।
पार्टी में महज तीन साल पुराने मनोज तिवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के निर्णय से दिल्ली के कई स्थानीय नेता खफा भी रहे। यही वजह रही कि दिल्ली यूनिट में रह-रहकर यह नाराजगी सार्वजनिक भी हुई। कभी मनोज तिवारी और विजय गोयल में तकरार की खबरें आईं और कभी रमेश विधूड़ी और अन्य नेताओं से। मनोज तिवारी को चुनाव से पहले दिए एक इंटरव्यू में हालांकि यह बात खारिज कर चुके हैं कि दिल्ली यूनिट में किसी तरह का अंतर्कलह है। उन्होंने कहा था कि हर नेता महत्वाकांक्षी होता है, छोटी-मोटी बातें चलती रहती हैं। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि मनोज तिवारी के कार्यकाल में एमसीडी और लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जरूर शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की, मगर उसमें उनके चेहरे का कोई विशेष योगदान नहीं रहा।
लोकसभा में जीतती रही है भाजपा
बीजेपी एक नेता के मुताबिक लोकसभा चुनाव में मोदी के चेहरे पर जनता ने वोट दिया और एमसीडी तो बीजेपी का हमेशा से गढ़ रहा है। बीजेपी नेता के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष की काबिलियत का पैमाना सबसे ज्यादा विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन से आंका जाता है। मगर 2020 के विधानसभा चुनाव में जिस तरह से पार्टी दहाई का अंक भी छू नहीं सकी, उससे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को लगता है कि अब प्रदेश नेतृत्व की कमान किसी ऐसे चेहरे को देने का समय आ गया है जो केजरीवाल को टक्कर देने की क्षमता रखता हो।

Related Posts