
सेंट्रल विस्टा का पुनर्निर्माण नहीं करने का कोई कारण नहीं: मंत्री हरदीप सिंह पुरी
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि नॉर्थ और साउथ ब्लॉक समेत अन्य सरकारी भवन 100 साल से भी ज्यादा पहले बनाए गए थे, इसलिए विरासत का संरक्षण करते हुए सौंदर्य की दृष्टि से सेंट्रल विस्टा का पुनर्निर्माण नहीं करने का कोई कारण नहीं बनता। आवास व शहरी मामलों के मंत्री ने कहा कि कुछ लोग बिना किसी जानकारी के सेंट्रल विस्टा के पुनर्निर्माण पर बातें कर रहे हैं। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘हर 100 साल में किसी न किसी को जिम्मेदारी उठानी होती है। यह निर्णय करना होता है कि शहर को कैसा दिखना चाहिए। दिल्ली की सरकारी इमारतें, राष्ट्रपति भवन, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, 1910 या 1920 के आसपास बने थे।’ पुरी ने कहा कि हम किराए पर हजारों करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं, जबकि हमारे पास जमीन है, इसलिए यह जरूरी है कि हम विरासत को संरक्षित रखते हुए वास्तु और सौंदर्य की दृष्टि से दिल्ली को नया और बेहतर बनाएं। संसद भवन से लेकर राजपथ के किनारे वाली प्रस्तावित सेंट्रल विस्टा की सभी इमारतें किसी भी हाल में इंडिया गेट (42 मीटर) से अधिक ऊंची नहीं होंगी। केंद्रीय सचिवालय के सभी कर्मचारियों को एकसाथ काम करने के लिए बनाई जाने वाली इसकी सभी इमारतें आठ मंजिला और समान ऊंचाई की होंगी। इस क्रम में लगभग एक दर्जन पुराने भवनों को ध्वस्त किया जाएगा। इनकी जगह आधुनिक संसाधनों से लैस 10 नई इमारतों के निर्माण का प्रस्ताव है। प्रोजेक्ट रिपोर्ट केंद्रीय पर्यावरण मंत्रलय के पास मंजूरी के लिए भेज दी गई है।
संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को अंतिम रूप देने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सभी इमारतें एक जैसे वास्तु और लुटियंस क्षेत्र की विशेषताओं के अनुकूल होंगी। दिल्ली जैसे महानगर के बीच में होने के बावजूद यहां का तापमान अपेक्षाकृत कम होता है। सेंट्रल विस्टा में खुली जगह को बनाए रखने का पूरा ध्यान रखा जाएगा।