
योगी सरकार बनाएगी उत्तरप्रदेश को भ्रष्टाचार रहित
उत्तरप्रदेश को भ्रष्टाचार रहित बनाने के लिये सीएम योगी प्रयास कर रही है। इसी के चलते कुछ दिन पहले प्रांतीय पुलिस सेवा अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई की थी। वहीं, सात पीपीएस अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्त दे दी गई थी। आंकड़ों के अनुसार, योगी सरकार ने ऊर्जा विभाग में 169 अधिकारियों, गृह विभाग के 51 अधिकारियों, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के 37 अधिकारियों, राजस्व विभाग के 36 अधिकारियों, बेसिक शिक्षा के 26 अधिकारियों, पंचायतीराज के 25 अधिकारियों, पीडब्ल्यूडी के 18 अधिकारियों, लेबर डिपार्टमेंट के 16 अधिकारियों, संस्थागत वित्त विभाग के 16 अधिकारियों, कामर्शियल टैक्स के 16 अधिकारियों, इंटरटेनमेंट टैक्स डिपार्टमेंट के 16 अधिकारियों, ग्राम्य विकास के 15 अधिकारियों, वन विभाग के 11 अधिकारियों पर कार्रवाई कर चुकी है। इसके अलावा ग्राम विकास अधिकारी पद पर नियुक्ति में नियमों की अवहेलना करने वाले जनपद बदायूं, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी एवं कासगंज के तत्कालीन जिला विकास अधिकारियों को निलंबित कर चुकी है। बता दें कि मुख्यमंत्री ने 44 करोड़ की गंभीर वित्तीय अनियमितता के आरोपी लो.नि.वि. प्रांतीय खण्ड बस्ती अधिशाषी अभियंता को बर्खास्त किया था। वहीं उ.प्र. राज्य पर्यटन विभाग, लखनऊ के पूर्व मुख्य लेखाधिकारी द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने पर उनके विरुद्ध अभियोग चलाने का निर्देश दिया है। जनपद आगरा के पूर्व तहसीलदार, सदर व आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने वाले बाह, जनपद आगरा के तत्कालीन निबंधक लिपिक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के आदेश। योगी सरकार ने जिला प्रयागराज की बैंक आफ इण्डिया, सुलेमसराय, धूमनगंज शाखा के करेंसी चेस्ट में पाए गए 4 करोड़ 25 लाख के गबन मामले की विवेचना सीबीआई को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया था। वहीं, सरकार ने अनुशासनहीनता के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए बिना सूचना लंबे समय से अनुपस्थित, राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं चिकित्सालय, इसौली, जनपद सुल्तानपुर के चिकित्साधिकारी को बर्खास्त करने का आदेश दिए हैं।