
दिल्ली में हिंसा किसकी देन
सीएए को लेकर राजधानी दिल्ली में हिंसा का जो तांडव देखने को मिला, वह किसकी देन है, यह सामने लाना बेहद जरूरी है। हिंसा कोई भी करे, यह स्वीकार नहीं है। हिंसा में बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए हैं, इसे खारिज नहीं किया जा सकता। अत: यह सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह दोषियों को सामने लाए और सख्त सजा दे ताकि दूसरों में संदेश जाए।
-पार्टियों का रुख सही
दिल्ली हिंसा के बाद सभी राजनीतिक दलों की तरफ से जिस तरह की प्रतिक्रिया आई, वह सही है। राजनीतिक दलों की यह संजीदगी बिल्कुल सही है। पार्टियों को इस तरह का रुख पहले दिन से दिखाना चाहिए था। अगर सीएए को लेकर पार्टियों ने राजनीतिक रोटियां नहीं सेकी होतीं, तो आज दिल्ली ही नहीं देश के किसी भी राज्य में हिंसा नहीं होती।