
कोरोना के खौफ के चलते अमेरिका बढ़ा रहा शेयर बाजार में तनाव, आरबीआई असमंजस में
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने घातक कोरोना वायरस को वैश्विक महामारी घोषित कर दिया है ऐसे में इसके बढ़ते खतरों के चलते निवेशकों में दहशत व्याप्त है, इस कारण पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला जारी है। सुबह 10 बजे सेंसेक्स करीब 1750 अंकों की भारी गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से रेट कट का ऐलान किए जाने के बाद निराशा और निवेशकों में डर के माहौल को मजबूती मिली है। फेड के फैसले का असर वैश्विक बाजारों पर साफ-साफ दिख रहा है। जापान का शेयर बाजार निक्केई, ऑस्ट्रेलियाई बाजार ऑक्स, हॉगकॉग का बाजार हैंगसेंग समेत तमाम एशियाई बाजार रेड जोन में ट्रेड कर रहे हैं। रविवार को फेडरल रिजर्व ने इंट्रेस्ट रेट घटाकर जीरो फीसदी कर दिया। अमेरिका में इंट्रेस्ट रेट घटकर 0-0.25 फीसदी की रेंज में आ गया है। मार्च के पहले सप्ताह में भी फेडरल रिजर्व ने इंट्रेस्ट रेट में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती का ऐलान किया था। पूरी दुनिया के निवेशकों को यह विश्वास हो गया है कि आर्थिक हालात उम्मीद से ज्यादा खराब हो गए हैं, इसलिए फेडरल रिजर्व एक महीने में दो बार रेट कट कर चुका है। रविवार को फेड की तरफ से ऐलान किया गया कि वह कोरोना से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए 700 अरब डॉलर का बॉन्ड खरीदेगा। मतलब वह बाजार में डॉलर की सप्लाई को बढ़ाने पर फोकस कर रहा है। फेडरल रिजर्व ने 2008 की मंदी के बाद भी इस तरह का प्रोग्राम चलाया था जिसे क्वांटिटेटिव इजिंग नाम दिया गया था। सेंट्रल बैंक एकबार फिर से उस प्रोग्राम की तर्ज पर आगे बढ़ चला है। कोरोना को लेकर जिस तरह से हालात बन रहे हैं वैसे में संभव है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भी समय से पहले रीपो रेट कट का ऐलान करे। आरबीआई की बैठक 3 अप्रैल को प्रस्तावित है। कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आरबीआई उससे पहले रेट कट कर सकता है।