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मरीजों का इलाज के दौरान 4 डॉक्टर्स कोरोना से हुए संक्र‎मित - मास्क और सेनिटाइजर ना होने से खतरे का माहौल

मरीजों का इलाज के दौरान 4 डॉक्टर्स कोरोना से हुए संक्र‎मित - मास्क और सेनिटाइजर ना होने से खतरे का माहौल

मुंबई में अब तक कोरोना वायरस के 108 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 4 डॉक्टर हैं। कथित तौर पर मरीजों के इलाज के दौरान ही डॉक्टर इस वायरस से संक्रमित हो गए। अब तक जिन चार लोगों की मौत हुई है, उनमें से एक 85 साल के रिटायर्ड यूरोलॉजिस्ट भी हैं। बड़े पैमाने पर मास्क और सैनिटाइजर की खरीद से डॉक्टरों के सामने खतरा पैदा हो गया है। संक्रमण के इस दौर में मेडिकल प्रफेशनल्स को सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है। कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित चीन और इटली में पिछले कुछ महीनों में कई डॉक्टर्स की जान भी जा चुकी है। मुंबई में चौथा डॉक्टर भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया। एक अधिकारी ने बताया कि वर्ली का यह डॉक्टर कहीं विदेश भी नहीं गया था लेकिन सूरत में उसने कुछ लोगों से मुलाकात की थी, जो हाल ही में बाहर देश से वापस आए थे। डॉक्टरों के संक्रमित होने से मुंबई के डॉक्टरों में भी चिंता फैल रही है। मदद के लिए आगे आ रहे डॉक्टर भी उलझन में हैं। ऐसे ही एक डॉक्टर ने बताया ‎कि डॉक्टर्स हाई रिस्क पर हैं। 
बचाव के स्तर पर भी भारी कमी है क्योंकि लोगों ने सभी मास्क और सैनिटाइजर पहले ही खरीद लिया है। कायदे से तो इस महामारी से निपटने के लिए डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। जब डॉक्टर खुद ही प्रोटेक्ट नहीं रहेगा तो सबको कैसे सुरक्षित रखेगा। महाराष्ट्र मेडिकल काउन्सिल के अध्यक्ष डॉक्टर शिवकुमार उत्तुरे ने कहा ‎कि  बड़े पैमाने पर सेफ्टी सामानों की खरीद से डॉक्टरों को खतरा हो गया है। उन्होंने बताया कि आईएमए की तरफ से डॉक्टरों को क्लिनिक खोलने और अपॉइंटमेंट लेकर ही मरीजों को देखने को कहा है। एमएमसी ने टेलिफोन पर सलाह देने की व्यवस्था भी की है।  अधिकारियों ने सभी डॉक्टर्स की छुट्टियां कैंसल कर दी हैं। ऐसे में कई ऐसे प्राइवेट डॉक्टर हैं, जो आगे आकर मदद करना चाह रहे हैं। इसका पता बीएमसी की उस अपील से ही पड़ता है, जिसमें हॉस्पिटलों में मदद की गुजारिश के 24 घंटों के अंदर ही 75 प्राइवेट डॉक्टर्स ने साइन अप कर दिया। अब बीएमसी ने आईएमए से 150 और डॉक्टर्स की लिस्ट मांगी है। कलवा के रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर जिग्नेश ठक्कर ने बताया ‎कि हममें से ऐसे कई लोग हैं, जो सरकार की मदद करना चाहते हैं। लेकिन प्राइवेट डॉक्टरों का पब्लिकक हेल्थ सिस्टम में व्यवस्थित तरीके से उपयोग करना जरूरी है।
 

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