उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा कि उसने कोरोन वायरस महामारी को देखते हुए सरकार और रिजर्व बैंक से पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनों के जरिये संपर्क विहीन (कांटेक्ट लेस) के भुगतान सीमा मौजूदा 2,000 रुपए से बढ़ाकर 5,000 रुपए करने का आग्रह किया है। उसने लाकडाउन के दौरान कारगर साबित हुए डिजिटल लेन-देन को और बढ़ावा देने के लिए वॉलेट से डिजिटल लेन-देन करने वाले किसी को भी भुगतान (इंटर-आपरेटिबिलटी ऑफ डिजिटल ट्रांजेक्शन) की अनुमति समेत अन्य सिफारिशें की हैं। एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने वित्त मंत्री और आरबीअई गवर्नर को लिखे पत्रों में कहा है कि इस पहल का उददेश्य सरकार की डिजिटल भुगतान को लोगों को बीच बढ़ावा देने में मदद करना है ताकि इस कठिन घड़ी में सामाजिक दूरी को बनाए रखा जा सके। उद्योग मंडल ने कहा है कि मौजूदा माहामारी की स्थिति को देखते हुए बिना पिन के 5,000 रुपए तक के लेन-देन की अनुमति देने पर विचार किया जा सकता है। भले ही कार्ड कांटैक्ट लेस हो या नहीं। उसने यह भी कहा कि संपर्क रहित कार्ड के जरिये लेन-देन सीमा को छह महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है। उद्योग मंडल ने यह भी सिफारिश की है कि एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) को एसएमई (लघु एवं मझोले उद्यमों) को क्रेडिट कार्ड जारी करने की अनुमति दी जानी चाहिए। इससे एमसएएमई को अल्प अवधि के लिए अपनी कार्यशील पूंजी की जरूरत को पूरा करने में मदद मिल सकती है।
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एसोचैम ने सरकार से संपर्क विहीन भुगतान सीमा बढ़ाकर 5,000 करने का आग्रह किया