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 प्राइवेट बैंकों के मुकाबले काफी सस्ता लोन दे रहे सरकारी बैंक

 प्राइवेट बैंकों के मुकाबले काफी सस्ता लोन दे रहे सरकारी बैंक

 पिछले साल होम लोन देने के लिए बैंकों ने आपसे संपर्क किया होगा,तब हो सकता है कि आपने सरकारी बैंकों को रुखा सा जवाब दिया होगा। सालभर बाद अब बेंचमार्क रेट्स में रिकॉर्ड कमी आ चुकी है। इसके बाद हो सकता है कि अब आप उन्हीं सरकारी बैंकों के पास लोन ट्रांसफर के लिए अनुरोध कर रहे हों। आरबीआई के एक झटके में रिपो रेट 75 बेसिस पॉइंट्स घटाने के बाद एक अडवाइजर ने मुंबई में रहने वाले सिविल इंजीनियर तुषार देव से संपर्क किया। तब वह ठीक यहीं करने के बारे में सोच रहे थे। देब ने कहा, मुझे नहीं पता कि मेरा बैंक इस रेट कट का फायदा कब देगा। अगर दूसरी जगह 75 बेसिस पॉइंट्स कम रेट ऑफर किया जा रहा हो तो आपको और क्या चाहिए?'
मौजदा स्थिति में अच्छी रिटेल एसेट्स उन सरकारी बैंकों के पास शिफ्ट हो सकती हैं, जो आरबीआई की ओर से किए गए रेट कट के बेहतर ट्रांसमिशन का वादा कर रहे हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एमडी सी एस शेट्टी ने कहा,सरकारी और प्राइवेट बैंकों के इंट्रेस्ट रेट्स में ही बड़ा फर्क नहीं है,बल्कि हमारे रिपो लिंक्ड लेंडिंग रेट और एमसीएलआर रेट में भी अंतर है। शेट्टी ने कहा,जो लोग रेट मूवमेंट्स को समझते हैं, वे मार्केट लिंक्ड रेट को चुनते हैं। आरबीआई के कदम के बाद अभी कुछ बैंकों ने अपने रेट एक्शन के बारे में निर्णय नहीं किया है, लेकिन अभी जो अंतर दिख रहा है, वह काफी बड़ा है। एसबीआई अपने रिपो लिंक्ड लेंडिंग रेट के लिए 7.05 प्रतिशत रेट ऑफर कर रहा है, बकि छह महीने और 12 महीने का मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट 7.70-7.75 प्रतिशत पर हैं। यह जानकरी मुंबई की एडवाइजरी फर्म के डेटा से मिली है जानकार विपुल पटेल ने कहा,आरबीआई के रेट एक्शन से पहले हर दो-तीन दिनों में कोई पूछताछ हमारे पास आती थी, लेकिन उसके बाद से रोज ही 8-10 लोग हमारे से जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने कहा, होम लोन कंज्यूमर्स इंटरेस्ट रेट में दिख रहे बड़े फर्क का फायदा ले सकते हैं।'
हर कैटिगरी में निजी बैंकों में शुमार एक्सिस बैंक 7.80-8.15 प्रतिशत की रेंज में रेट ऑफर कर रहा है।आईसीआईसीआई बैंक 7.50-9 प्रतिशत की रेंज ऑफर कर रहा है। एचडीएफसी के भी जल्द ही इस बारे में निर्णय करने की उम्मीद है, लेकिन अभी वह  8 प्रतिशत का रेट ऑफर कर रही है। कुछ बैंक हो सकता है कि लॉकडाउन के कारण निर्णय करने में देर कर रहे हों, क्योंकि इस दौरान बॉरोअर्स का बैंकों तक जाना आसान नहीं है। बैंक ऑफ बड़ौदा के रिटेल एसेट्स हेड वीरेंद्र सेठी ने कहा, सरकारी बैंकों और प्राइवेट बैंकों को दी जाने वाली ईएमआई में अंतर है। हम लोन शिफ्ट करने के लिए कस्टमर्स से कोई डॉक्युमेंट नहीं लेते हैं, लेकिन एक वैल्यूएशन किया जाता है और यह काम लॉकडाउन हटने के बाद ही किया जा सकता है।' 
 

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