भारत में लॉकडाउन लागू करने की घोषणा के 4 घंटे बाद ही रेलवे और सड़क परिवहन बंद कर दिया गया था उसके बाद हवाई सेवाएं भी बंद कर दी गई थी जिसके कारण सारे देश में ट्रकों में जगह-जगह माल लदा हुआ रख रास्ते में खड़े है जो अपने निर्धारित स्थानों पर नहीं जा पाए। इसी तरीके से रेलवे के माल गोदाम मे कार्गो अटके पड़े हैं सामान गोदाम में बंद पड़ा है हवाई अड्डा और बंदरगाहों में भी भारी मात्रा में स्टाक जमा है।
21 दिन का लॉकडाउन होने के बाद अब यह माल उठाने में भी कई तरीके की परेशानियां सामने आने लगी हैं रेलवे हवाई अड्डा और बंदरगाहों में माल उठाने पर विलंब शुल्क मांगा जा रहा है। इस संबंध में सरकार द्वारा अभी तक कोई आदेश नहीं दिए गए हैं वहीं जो माल निर्यात होने जा रहा था आयातकों ने माल की डिलीवरी लेने से मना कर दिया है जो माल बंदरगाहों में दूसरे देशों से आया हुआ था उसको छुड़ाने में या डिलीवरी लेने में भारतीय कारोबारी भी कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं जिसके कारण बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर भारी माल जमा है इसमें बहुत सारा सामान इन 21 दिनों में खराब भी हो चुका है रेलवे की बड़ी स्टेशनों में भी माल गोदाम पूरी तरह भरे हुए हैं सड़कों पर लाखों ट्रक खड़े हैं जिसके कारण व्यापार जगत में भारी समस्या और आर्थिक संकट खड़ा हो गया है
बंदरगाह हवाई टर्मिनल रेलवे स्टेशनों मैं मजदूर भी उपलब्ध नहीं है जिसके कारण यह समस्या और भी गहरा गई है बंदरगाहों एवं रेलवे स्टेशनों में सारा काम मैनुअल होता है यहां से माल निकालने के लिए भी बड़ी संख्या में मजदूर लगते हैं जो उपलब्ध नहीं है लाकडाउन खुलने के कई महीने बाद भी इस समस्या का निराकरण किस रूप में होगा इसको लेकर उद्योग और व्यापार जगत में एक नई चिंता देखने को मिल रही है
इकॉनमी
लॉकडाउन के कारण हवाई मार्ग रेलवे और बंदरगाहों में जमा है माल का अंबार