
मुंबई। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद ऑटोमोबाइल कंपनियां कार बाजार में ऑफर्स की बौछार करेगी ताकि कस्टमर्स को अट्रैक्टिव स्कीमों से शोरूम तक लाया जा सके। इसके लिए कई तरह के उपाय करने की योजना बना रही हैं। दरअसल, सेल्स के लिहाज से बेहद कमजोर साल झेलने के बाद नए वित्त वर्ष के पहले महीने यानी अप्रैल में उनकी बिक्री जीरो रही। ऑटो कंपनियां कस्टमर्स को 100 फीसदी ऑन रोड फाइनैंसिंग, इंस्टॉलमेंट हॉलिडे और ऑटो लोन रिपेमेंट एश्योरेंस जैसे ऑफर दे सकती हैं। इंडस्ट्री सोर्सेज के मुताबिक, उनका फोकस सबसे पहले लगभग तीन लाख पैसेंजर वीइकल की मौजूदा इनवेंट्री को क्लीयर करने पर होगा। मार्केट लीडर मारुति सुजुकी (देश में बिकनेवाली हर दूसरी कार इसकी होती है) कस्टमर्स को आसान शर्तों पर लोन दिलाने के लिए बैंकों के साथ बातचीत कर रही है। मारुति सुजुकी के एग्जिक्युटिव डायरेक्टर-मार्केटिंग ऐंड सेल्स शशांक श्रीवास्तव कहते हैं, ‘हेल्थ और सेफ्टी को देखते हुए लोग आज पब्लिक से पर्सनल ट्रांसपोर्ट में शिफ्ट होना चाहते हैं, लेकिन इनकम लॉस को देखते हुए ईएमआई का बोझ कम रखना चाहेंगे। हम कस्टमर्स को कम इंट्रेस्ट रेट और कम डाउनपेमेंट पर ज्यादा पीरियड का लोन दिलाने के लिए बैंकों से बात कर रहे हैं।’ 130,000 कारों की इनवेंट्री वाली कंपनी की 600 डीलरशिप मंगलवार को खुली थीं। हुंडई मोटर ने हुंडई ईएमआई एश्योरेंस स्कीम लॉन्च की है, जिसमें वह तीन इंस्टॉलमेंट खुद भरेगी, अगर बायर की नौकरी चली जाती है। यह स्कीम इसी महीने प्राइवेट सेक्टर के एंप्लॉयीज की तरफ से होने वाली नई खरीदारी पर लागू होगी, लेकिन इसका लाभ क्रेटा, टूसों, कोना ईवी और एलांट्रा मॉडल पर नहीं मिलेगा। कंपनी के सेल्स, मार्केटिंग ऐंड सर्विस डायरेक्टर तरुण गर्ग ने कहा, ‘सेंटीमेंट अच्छा नहीं है और कस्टमर्स जॉब सिक्योरिटी के साथ ही पर्सनल सेफ्टी को लेकर भी चिंतित हैं।’ बता दें कि कोविड-19 की वजह से हुए लॉकडाउन के चलते सैलरी कट और जॉब लॉस के डर के बीच लोगों को फिर से गाड़ियां बेचने की कोशिश में जुटी हैं। इनवेंट्री क्लीयर करने पर फोकसऑटो मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के मुताबिक, लोगों की चिंताओं को पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर करने की हिचक ने खत्म कर दिया है। ऑटो डीलरशिप देश के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन से मिली राहत के बीच इसी हफ्ते खुलने जा रही हैं।