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 शुरुआती दो लॉकडाउन में हुआ 34 हजार करोड़ रुपये की मासिक मजदूरी का नुकसान

 शुरुआती दो लॉकडाउन में हुआ 34 हजार करोड़ रुपये की मासिक मजदूरी का नुकसान

मुंबई । कोरोना वायरस के चलते देश भर में कई बार लॉकडाउन किया गया। सबसे पहले सिर्फ 21 दिन का लॉकडाउन किया गया, लेकिन कोरोना पर लगाम लगती नहीं दिखने पर उसे बढ़ा दिया गया। इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च में छपे एक अध्ययन के अनुसार शुरुआती दो लॉकडाउन में मंथली वेज यानी मासिक मजदूरी में करीब 33,800 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
अध्ययन के अनुसार 25 मार्च से 14 अप्रैल तक के पहले लॉकडाउन में 11.6 करोड़ मजदूरों की नौकरी गई। वहीं 15 अप्रैल से 3 मई तक के दूसरे लॉकडाउन में 7.9 करोड़ मजदूरों ने नौकरी गंवाई। अगर मान लें कि ये मजदूर बिना नौकरी के ही करीब 6 महीनों तक रहेंगे तो वेज का कुल अनुमानित नुकसान करीब 2 लाख करोड़ रुपए का होगा। ये आंकड़ा 2020-21 में मनरेगा के लिए आवंटित किए गए बजट का करीब 3 गुना है।
अध्ययन से यह बात सामने आई है कि शुरुआती दो लॉकडाउन में जिन मजदूरों की नौकरी गई, वह उन राज्यों से थे, जहां पर कोरोना मरीजों की संख्या सबसे अधिक है। 40 फीसदी मजदूर कोरोना मामलों के टॉप-5 राज्यों में से हैं। वहीं नौकरी गंवाने वाले 70 फीसदी मजदूर टॉप-10 राज्यों में से हैं। स्टडी के मुताबिक राज्य सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करते रहेंगे, जिससे लेबर सप्लाई पर असर पड़ेगा।
अध्ययन के अनुसार सबसे अधिक अनौपचारिक मजदूरों को परेशानी हुई है। पहले लॉकडाउन में जिन 11.6 करोड़ मजदूरों की नौकरी गई, उनमें से करीब 10.4 करोड़ मजदूर इनफॉर्मल थे। इसमें से 7.9 करोड़ इनफॉर्मल मजदूर असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे थे। इस स्टडी से एक और बात सामने आई है कि शहरी इलाकों में काम करने वाले मजदूरों पर लॉकडाउन का अधिक प्रभाव पड़ा है, बजाय गांव में काम करने वाले मजदूरों के। इसकी वजह ये है कि ग्रामीण इलाकों में प्रतिबंध काफी कम थे, क्योंकि वहां से ही खाने-पीने की जरूरी चीजें देशभर में फैलनी थीं।
पहले लॉकडाउन में शहरी इलाकों के 42 फीसदी मजदूरों की नौकरी गई, जबकि ग्रामीण इलाकों में सिर्फ 16 फीसदी मजदूरों को नौकरी जाने की दिक्कत का सामना करना पड़ा। लॉकडाउन 2 में शहरी इलाकों में 34 फीसदी मजदूरों ने नौकरी गंवाई, जबकि ग्रामीण इलाकों में 8 फीसदी मजदूरों की नौकरी गई। अभी देश में लॉकडाउन तो खुल चुका है, लेकिन कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। अब तक देश में कुल 6.50 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से 18,655 लोगों की मौत हो चुकी है। ये जरूर अच्छी खबर है कि लगभग 3.94 लाख लोग सही हो चुके हैं, लेकिन करीब 2.35 लाख मामले अभी भी एक्टिव हैं। दुनिया भर में अब तक 1.13 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से 5.33 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।
 

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