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स्मेल टेस्ट के बिना नहीं दी जाए मॉल में एंट्री, बेंगलुरू के मेयर ने दिया सुझाव

स्मेल टेस्ट के बिना नहीं दी जाए मॉल में एंट्री, बेंगलुरू के मेयर ने दिया सुझाव


बेंगलुरु । कोरोना को लेकर बेंगलुरु के मेयर एम गौथम कुमार ने सुझाव दिया है कि शॉपिंग मॉल में आने वाले लोगों का स्मेल (सुगंध) टेस्ट किया जाना चाहिए। अगर कोई स्मेल नहीं पकड़ पाता है तो उसे शॉपिंग माल में घुसने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। यह स्मेल टेस्ट थर्मल स्कैनर टेस्ट के साथ किया जाना चाहिए। मेयर गौथम कुमार ने कहा कि हमें पता है कि तीन दिन में कोरोना मरीजों की स्मेल और टेस्ट करने की क्षमता खत्म हो जाती है।
मैं मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को खत लिखूंगा कि शॉपिंग मॉल में स्मेल टेस्ट को अनिवार्य किया जाए। लोगों का स्मेल टेस्ट तुरंत हो सकता है। स्मेल टेस्ट को एक मापदंड के तौर पर निर्धारित करना चाहिए। बुखार-सूखी खांसी के अलावा सूंघने की शक्ति खोना (लॉस ऑफ स्मेल) और जुबान से स्वाद का गायब होना कोरोना वायरस के छिपे हुए लक्षण हैं। हालांकि, अमेरिका के यूसी सैन डिएगो हेल्थ के शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड-19 के मरीजों में सूंघने की शक्ति खत्म होना बेहद अच्छा संकेत है।
अमेरिका के यूसी सैन डिएगो हेल्थ के शोधकर्ता डॉक्टर कैरोल यान ने रिपोर्ट में कहा नॉर्मोस्मिया यानी सूंघने की शक्ति के आधार पर हम कोरोना रोगियों में बीमारी के स्तर का पता लगा सकते हैं। अपनी पिछली रिसर्च में हमने कोरोना के शुरुआती लक्षणों में सूंघने की शक्ति खोने की भी बात साबित की थी। डॉक्टर कैरोल यान ने रिपोर्ट में कहा जिन मरीजों में सूंघने की शक्ति गायब हो रही है उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है।
यदि किसी मरीज में ऐसा लक्षण नजर आ रहा है तो समझ लीजिए उसे वायरस से बहुत ज्यादा खतरा नहीं है। वे बेहद मामूली से लक्षणों का सामना करेंगे। गौरतलब है कि कर्नाटक में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। राज्य में कोरोना मरीजों का आंकड़ा एक लाख को पार कर गया है। इसमें से 37 हजार से अधिक लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि एक्टिव केस की संख्या 60 हजार से अधिक है। कोरोना से अब तक 1953 लोगों की मौत हो चुकी है।
 

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