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पबजी की हो सकती हैं भारत में वापसी, दक्षिण कोरियाई कंपनी ने  चीनी कंपनी टेनसेंट से तोड़ा करार  गेम को भारतीय नियमों के मुताबिक संचालित करेगी

पबजी की हो सकती हैं भारत में वापसी, दक्षिण कोरियाई कंपनी ने  चीनी कंपनी टेनसेंट से तोड़ा करार  गेम को भारतीय नियमों के मुताबिक संचालित करेगी

नई दिल्ली । भारत में रॉयल बैटल गेम पबजी के दीवानों के लिए अच्छी खबर है।भारत में बैन किए गए पबजी की देश में दोबारा वापसी हो सकती है। दरअसल पबजी गेम्स बनाने वाली दक्षिण कोरियाई कंपनी ब्लूहोल ने चीनी कंपनी टेनसेंट गेम्स से अपना फ्रेंचाइजी करार तोड़ लिया है। कंपनी ने भारत में पबजी गेम्स की फ्रेंचाइजी टेनसेंट गेम्स को दी थी,इस वापस ले लिया गया है। पबजी कॉर्पोरेशन अब खुद ही भारत में गेम की सभी जिम्मेदारियों को संभालेगा। पबजी कॉर्पोरेशन दक्षिण कोरियाई कंपनी ब्लूहोल का हिस्सा है। कंपनी के फैसले के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि पबजी की भारत में वापसी हो सकती है।पबजी के बैन होने से देश में गेमिंग के फैंस काफी नाखुश हैं।
इसबारे में पबजी कार्प ने कहा कि वे पूरे मामले से अवगत हैं और गेम पर लगे बैन के कारणों की जांच कर रहे हैं। कंपनी के कहा कि भारत में पबजी मोबाइल का कंट्रोल अब टेनसेंट गेम्स के हाथों में नहीं रहेगा और भारत में गेम की पूरी जिम्मेदारी पबजी कॉर्पोरेशन के पास होगी। कंपनी के कहा कि हमने भारत के लिए टेनसेंट गेम्स से अपना फ्रेंचाइजी करार खत्म कर लिया है। पबजी कॉर्पोरेशन ने कहा, पबजी कॉर्पोरेशन मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदम को समझता है और उसका सम्मान भी करता है। यूजर्स का डेटा सुरक्षित रहना कंपनी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। कंपनी भारत सरकार के साथ मिलकर प्लेयर्स के लिए इस गेम को फिर से शुरू करना चाहती है। कंपनी का कहना है कि वह इस गेम को भारतीय नियमों के मुताबिक संचालित करेगी।
बता दें कि पबजी मोबाइल पर भारत में बैन लगने के बाद टेनसेंट गेम्स को 34 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। कंपनी का मार्केट वैल्यू 34 अरब डॉलर कम हो गई है। कंपनी को यह नुकसान 118 चीनी एप पर बैन लगाए जाने के एक दिन बाद ही हुआ है। केंद्र सरकार ने हाल में पबजी समेत 118 चाइनीज ऐप्‍स पर बैन लगाया था। जिसके तहत पबजी मोबाइल और पबजी मोबाइल लाइट, दोनों ऐप भारत में प्रतिबंधित हो गए हैं।मोदी सरकार का कहना है कि प्रतिबंधित किए गए ये ऐप्स भारत की संप्रभुता, अखंडता, सुरक्षा और शांति-व्यवस्था के लिए खतरा थे। सरकार के इस कदम से करोड़ों भारतीय मोबाइल और इंटरनेट यूजर्स का डेटा सुरक्षित रहेगा।
 

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