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 दिल्ली मेट्रो के एक कोच में नहीं होगी 50 से अधिक यात्रियों की एंट्री

 दिल्ली मेट्रो के एक कोच में नहीं होगी 50 से अधिक यात्रियों की एंट्री

नई दिल्ली । कोच के अंदर 50 से अधिक यात्री है, इसका पता लगाने के लिए दिल्ली मेट्रो ने तकनीकी रास्ता खोज लिया है। ट्रेन में चढ़ने वाले यात्रियों के वजन से मेट्रो इसका पता लगाएगी। आठ कोच वाले ट्रेन में अगर ट्रेन के वजन से 2400 किलो से अधिक बढ़ जाता है तो इसका मतलब ट्रेन में यात्रियों की संख्या 400 से अधिक हो गई है। हर कोच में औसतन 50 से अधिक लोग है। उसके बाद भीड़ के आधार पर अगले स्टेशन यात्रियों को उसमें चढ़ने से रोका जा सकता है। डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक निदेशक मंगू सिंह ने ट्रेन में जब यात्री चढ़ते है तो ट्रेन में बढ़ते वजन की जानकारी चालक के पास पहुंच जाती है। सेंसर्स के जरिए वजन की यह जानकारी ट्रेन के वजन से अलग होता है। मेट्रो एक यात्री की औसतन वजन 60-65 किलो मानता है। एक कोच की वजन करीब 42 टन 4200 किलो होता है। यानि कोच वजन से अलग 300 किलो वजन बढ़ा तो कोच में 50 से अधिक यात्री मौजूद है। मंगू सिंह ने कहा कि मेट्रो में भीड़ ना हो इसके लिए हमारी पहली तैयारी होगी हम भीड़ को प्रवेश गेट पर ही रोक दे। मगर जो अंदर है उसकी वजह से कोच के अंदर भीड़ ना हो इसके लिए हम कोच के अंदर भीड़ बढ़ने पर स्टेशन पर ट्रेन नहीं रोकेंगे। जरूरत पढ़ने पर छोटे-छोटे लूप पर खाली ट्रेन चलाएंगे। जिससे स्टेशन पर भीड़ कम की जा सके। उन्होंने कहा कि कोविड से पहले एक आठ कोच वाली ट्रेन में 2000-2200 लोग सफर करते थे। मगर सामाजिक दूरी का पालन कराने के लिए अब यह संख्या संख्या प्रति कोच 50 रखी गई है। प्रबंध निदेशक मंगू सिंह ने कहा कि हमने वैशाली, नोएडा सिटी सेंटर, हुडा सिटी सेंटर जैसे कुछ टर्मिनल स्टेशन भी चिन्हित किए है जहां पर यात्रियों की भीड़ अधिक होती है। उसमें शुरूआत में कोच भर जाते है। अगले स्टेशन पर इन ट्रेन को नहीं रोका जाएगा। अगले स्टेशन के यात्रियों के लिए और ट्रेन में भीड़ ना हो इसके लिए हर टर्मिनल स्टेशन से हर 3 या 4 राउंड भीड़ पर निर्भर करेगा में इन स्टेशनों से खाली ट्रेन चलेगी। इसके अलावा हौज खास, कश्मीरी गेट, राजीव चौक जैसे स्टेशनों पर भी भीड़ हो सकती है। इसके लिए हम छोटे लूप की ट्रेन भी चलाएंगे। मंगू सिंह ने कहा कि सामान्य दिनों में हम पीक आवर्स व नान पीक आवर्स में ट्रेन की फीक्वेंसी अलग-अलग होती थी। मगर कोविड महामारी के दौरान हम यह दोनों समय एक जैसी फ्रीक्वेंसी रखेंगे। इसका मकसद यह है कि हम यात्रियों को अलग-अलग टाइम आने के लिए कह सके। कोविड के चलते फ्रीक्वेसीं भी ढाई मिनट से बढ़कर पांच मिनट से ज्यादा होगी। मगर दोनों नॉन पीक आवर्स व पीक आवर्स दोनों समय एक जैसे होगी। 
 

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