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अनलॉक-4 में फैक्टरियों में तकरीबन 70 फीसदी कामकाज पटरी पर लौटा  गांव पलायन कर चुके मजदूर वापस लौटें 

अनलॉक-4 में फैक्टरियों में तकरीबन 70 फीसदी कामकाज पटरी पर लौटा  गांव पलायन कर चुके मजदूर वापस लौटें 

नई दिल्ली । लॉकडाउन के दौरान ठप्प पड़ी फैक्टरियों में तकरीबन 70 फीसदी कामकाज पटरी पर लौट चुका है। वहीं, अनलॉक-4 में मिली ढील से कारोबारियों को आर्थिक गतिविधियों में सुधार की उम्मीद है। कोरोना काल में गांवों को पलायन करने वाले अधिकांश मजदूर और कारीगर भी वापस फैक्टरियों में अपने काम पर लौट चुके हैं। हालांकि कारोबारी बताते हैं कि सप्लाई चेन दुरुस्त नहीं होने से फैक्टरियों में कच्चे माल की आपूर्ति अभी सही तरीके से नहीं हो रही है। दिल्ली और आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में जहां लॉकडाउन के दौरान सन्नाटा पसरा था अब वहां चहल-पहल बढ़ गई है, लेकिन सभी सेक्टरों की फैक्टरियों की हालत अभी नहीं सुधरी हैं। कारोबारी संगठनों के मुताबिक, टेक्सटाइल्स, प्रिंटिंग, एडवरटाइजिंग समेत कई सेक्टरों के काम-काज में अभी सुस्ती बनी हुई है जिसकी मुख्य वजह कमजोर मांग है। बाजार जानकारों ने कहा कि पैकेजिंग, इंजीनियरिंग और खाद्य-वस्तुओं से जुड़ी फैक्टरियों में तो कामकाज काफी सुधर गया है लेकिन प्रिंटिंग प्रेस, विज्ञापन जैसे कार्यों में अभी तक सुस्ती है।
उन्होंने कहा कि फैक्टरियों का काम-काज कुल मिलाकर 60-70 फीसदी पटरी पर लौट चुका है। साथ ही ऑर्डर भी तकरीबन 60 फीसदी आने लगे हैं। गांवों को पलायन कर चुके मजदूरों की वापसी के संबंध में कहा कि जो लौटने वाले मजदूर व कारीगर थे वे लौट चुके हैं, सिर्फ वहीं लोग नहीं लौटे हैं जिनको गांवों में ही काम मिल गया है। हालांकि इंजीनियरिंग सेक्टर से जुड़ी फैक्टरियों का काम-काज काफी सुधर गया है।
एक अन्य बाजार जानकार ने बताया कि नए ऑर्डर मिल रहे हैं,लेकिन सप्लाई चेन दुरुस्त नहीं होने से कच्चे माल की आपूर्ति सही तरीके से नहीं हो पा रही है। उन्होंने बताया कि कारीगर, कर्मचारी व मजदूर तकरीबन 95 फीसदी काम पर लौट चुके हैं। हालांकि टेक्सटाइल्स सेक्टर से जुड़े संगठन टेक्सटाइल्स प्रोसेसर्स एसोसिएशन ने बताया कि निर्यात मांग कमजोर होने के कारण काम-काज सुस्त है। उन्होंने बताया कि अमेरिका और यूरोप से ऑर्डर अभी नहीं मिल रहे हैं और फैक्टरियों में मजदूर व कारीगर की भी अभी कमी बनी हुई है। दिल्ली के मायापुरी इलाके में करीब 1100 फैक्टरियां हैं,जहां अनलॉक-4 में चहल-पहल बढ़ गई है। लॉकडाउन के दौरान जो मजदूर व कारीगर गांव चले गए थे उनमें से ज्यादातर लौट चुके हैं और फैक्टरियों का काम-काज भी तकरीबन 60-70 फीसदी पटरी पर लौट चुका है। 
 

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