नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने मत्स्य पालन के क्षेत्र में मछली उत्पादन बढ़ाने और रोजगार का सृजन करने के लिए बेहतर प्रयास शुरू किए हैं। इस सेक्टर में अभी करीब 15 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है। केंद्र सरकार ने इसे बढ़ाकर 2024-25 में लगभग 55 लाख करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मछली उत्पादन बढ़ाने और रोजगार का सृजन करने के मकसद से ही आज गुरुवार को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लॉन्च किया जाएगा। मत्स्य पालन सचिव डॉ. राजीव रंजन के मुताबिक मछली उत्पादन को 2018-19 में 137.58 लाख टन से बढ़ाकर 2024-25 में 220 लाख टन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। रंजन के मुताबिक 2024-25 में औसत जल कृषि उत्पादकता को 3.3 टन प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 5.0 टन प्रति हेक्टेयर तक करने का बड़ा लक्ष्य रखा गया है। मत्स्य पालन निर्यात को 2024-25 तक 1 लाख करोड़ रुपये और 2028 तक 2 लाख करोड़ रुपये करने का प्लान है। भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा जलकृषि उत्पादक और चौथा सबसे बड़ा समुद्री खाद्य निर्यातक बन गया है।
सचिव डॉ. रंजन ने बताया कि मत्स्य पालन क्षेत्र में हाल ही में कुछ नीतिगत सुधार किए गए हैं। जैसे कि मछुआरों के लिए मत्स्य पालन अवसंरचना विकास कोष का निर्माण और केसीसी सुविधा प्रदान करना। मछली पालन के लिए केसीसी के जरिए 2 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है। सचिव ने मत्स्य पालन में निवेश के अवसरों को रेखांकित किया। जैसे कि खारे पानी की जलकृषि, समुद्री शैवाल की खेती एवं सजावटी मत्स्य पालन आदि। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की घोषणा बजट में की गई की थी। इसके बाद कोरोना राहत पैकेज की घोषणा करते वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि मरीन, इनलैंड फिशरी और एक्वाकल्चर में गतिविधियों के लिए 11,000 करोड़ रुपये का फंड उपलब्ध कराया जाएगा।
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2024-25 में मछली पालन से 55 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार