नई दिल्ली । महत्वाकांक्षी आत्मनिर्भर भारत योजना में परिकल्पित सरलीकृत भुगतान प्रक्रिया के अंतर्गत कोविड-19 महामारी के दौरान सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 10,339 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। 2,475 करोड़ रुपये की एक अन्य राशि संसाधित की जा रही है और इसके जल्द ही जारी किए जाने की संभावना है। सरकार ने कारोबार में सुगमता सुनिश्चित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं, बल्कि देश में गुणवत्तापूर्ण सड़क बुनियादी संरचना के निर्माण में हितधारकों का विश्वास बढ़ाने के लिए भी कई उपाए किए गए हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत भुगतान प्रक्रिया को सरल बनाया है और ठेकेदारों को भुगतान माइल्स्टोन उपलब्धि के आधार पर नहीं बल्कि प्रत्येक महीने किया जा रहा है। यह देश में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को समय से पूरा करने की दिशा में बहुत लाभदायक साबित हुआ है। मंत्रालय ने कोविड-19 की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपने ठेकेदारों और रियायतग्राहियों के लिए कई राहत पैकेजों का विस्तार किया है। रिटेंशन मनी (जो निर्माण अवधि तक प्रदर्शन सुरक्षा का एक हिस्सा है) अनुबंध विनिर्देश के अनुसार पहले से निष्पादित कार्य के अनुपात में जारी की जा रही है, और ठेकेदार द्वारा प्रदान किए गए बिलों से छह महीने की अवधि तक के लिए रिटेंशन मनी नहीं काटी जा रही है। एचएएम/बीओटी अनुबंधों के लिए, प्रदर्शन गारंटी अनुपात के आधार पर जारी की जाती है। इस राहत के लिए 1,155 परियोजनाओं के अंतर्गत कुल 1,253 आवेदनों के लिए, 3,527 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जबकि 189 करोड़ रुपये से ज्यादा की प्रक्रिया चल रही है। अनुसूची एच में छूट प्रदान की जाती है जिससे कि ठेकेदारों द्वारा किए गए कार्यों के लिए मासिक भुगतान किया जा सके और महीने ईपीसी/एचएएम अनुबंध के दौरान अनुबंध के विनिर्देश के अनुसार स्वीकार किया जा सके। इस राहत के लिए 774 परियोजनाओं के अंतर्गत कुल 863 आवेदनों के लिए 6,526 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जबकि 2,241 करोड़ रुपये से ज्यादा की प्रक्रिया चल रही है।
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राजमार्ग मंत्रालय ने आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत 10 हजार करोड़ रुपये की राशि जारी की