
पटना बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी से पहले लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के शीर्ष नेता और लालू के मित्र रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, उनके इस्तीफे के तुरंत बाद लालू यादव का एक पत्र सामने आया, जिसमें उन्होंने रघुवंश प्रसाद सिंह का इस्तीफा नामंजूर करते हुए मनाने की कोशिश की और कहा कि वो कहीं नहीं जा रहे हैं। लालू यादव के इस डैमेज कंट्रोल का असर भी नजर आ रहा है। ऐसी संभावना है कि रघुवंश प्रसाद सिंह अपने फैसले से पीछे हट सकते हैं। आरजेडी के वरिष्ठ नेता ने करीबी ने बताया कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का पत्र सामने आने के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह अपने फैसले से पीछे हट सकते हैं। वो एक या दो दिनों में अपना रुख पूरी तरह से साफ कर देंगे। कुछ समय पहले ही रघुवंश प्रसाद सिंह ने आरजेडी के उपाध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से ही उनके आरजेडी छोड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं।
जानकारी के मुताबिक, बाहुबली नेता रामा सिंह के आरजेडी में शामिल करने की अटकलों से रघुवंश प्रसाद सिंह खासे नाराज थे। रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी में रहते हुए सभी पदों से इस्तीफा देकर रामा सिंह को आरजेडी में शामिल करने का खुलकर विरोध किया और इसके लिए उन्होंने पार्टी आलाकमान को पत्र लिखे। रघुवंश प्रसाद सिंह ने पत्र के जरिए साफ तौर पर कह दिया अगर रामा सिंह आरजेडी में शामिल होते हैं तो पार्टी से उनका कोई नाता नहीं रहेगा। इस बीच उनके इस्तीफे की खबर भी सामने आ गई। दूसरी ओर रघुवंश प्रसाद सिंह के इस्तीफे की खबर सामने आते ही लालू प्रसाद यादव ने मोर्चा संभाला। डैमेज कंट्रोल करने के लिए जेल में बंद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पहल की और उन्होंने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को तत्काल रघुवंश प्रसाद सिंह से मुलाकात करने का निर्देश दिया। लालू के निर्देश पर तेजस्वी यादव के अलावा पार्टी के राज्यसभा सांसद मनोज झा रघुवंश प्रसाद सिंह से दिल्ली के एम्स में मुलाकात की है। लालू यादव के मोर्चा संभालने के बाद माना जा रहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह को जल्द ही मना लिया जाएगा।
आरजेडी के संस्थापक सदस्य रहे रघुवंश प्रसाद सिंह के इस्तीफे के बाद लालू प्रसाद यादव ने रांची के अस्पताल से ही उन्हीं के अंदाज में एक पत्र लिखा है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पत्र में लिखा, 'प्रिय रघुवंश बाबू आपके द्वारा कथित तौर पर लिखी एक चिट्ठी मीडिया में चलाई जा रही है, मुझे तो विश्वास ही नहीं होता।' उन्होंने पत्र में आगे लिखा, 'अभी मेरा परिवार और पूरा आरजेडी परिवार आपको शीघ्र स्वस्थ होकर अपने बीच देखना चाहता है। चार दशकों में हमने हर राजनीतिक, सामाजिक और यहां तक कि पारिवारिक मामलों में मिल बैठकर ही विचार किया है। आप जल्दी स्वस्थ हों, फिर बैठकर बात करेंगे। आप कहीं नहीं जा रहे हैं, समझ लीजिए।' इससे पहले रघुवंश प्रसाद सिंह का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। लालू प्रसाद को हाथ से लिखे एक पत्र में कहा कि, 'मैं जननायक कर्पूरी ठाकुर की मृत्यु के बाद 32 वर्षों तक आपके पीछे खड़ा रहा लेकिन अब नहीं। पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं और आमजन ने बड़ा स्नेह दिया। मुझे क्षमा करें।'