
बीकानेर । कहते हैं, जहां आस्था होती है, वहां पर मुरादें भी पूरी होती हैं। ऐसा ही एक मंदिर है मरुधरा के बीकानेर के देशनोक का मंदिर, जहां मां करणी निवास करती हैं। करणी माता मंदिर की देश ही नहीं बल्कि विदेशों में बड़ी पहचान और आस्था है। यहां देशी ही नहीं विदेशी पर्यटक भी माता का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। करणी माता के मंदिर में बड़ी संख्या में चूहे भी रहते हैं।इसकारण इन्हें चूहों की देवी भी कहा जाता है। हर बार नवरात्र में पड़ने वाला मेला इस बार कोरोना के प्रभाव के चलते नहीं हो पाएगा। कोरोना के कारण इस बार नवरात्र में भी माता के मंदिर के पट बंद रहने वाले है। हर बार की तरह इस बार भी मां की पूजा अर्चना तो निर्धारित समय के अनुसार होगी, लेकिन पट बंद रहने के कारण श्रद्धालु प्रत्यक्ष रूप से माता के दर्शन नहीं कर पाएंगे। ऑनलाइन दर्शन चालू रहने वाले हैं, मंदिर के पट आगामी 31 अक्टूबर तक बंद रहेगा।
बीकानेर से 30 किलोमीटर दूर स्थित देशनोक में बने करणी माता के भव्य मंदिर में बरसों बरस से लोग माता के दर्शन कर आशीर्वाद लेते हैं। माना जाता है कि मां से सच्चे मन से जो भी मुरादें मांगी जाती हैं,वहां करणी माता पूरी करती हैं। नवरात्र में मां के दर्शन के लिए दूर दराज से बड़ी संख्या में भक्तगण यहां पहुंचते हैं और मां करणी के दर्शन कर खुद को धन्य समझते हैं। मंदिर में रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। नवरात्र में खासी भीड़ मंदिर में देखी जाती है। मंदिर में नवरात्र में घट स्थापना के साथ ही नौ दिनों तक मां का दरबार सजता है।