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हल्के स्तर का वायु प्रदूषण भी हृदय पर डालता है विपरीत असर

हल्के स्तर का वायु प्रदूषण भी हृदय पर डालता है विपरीत असर

 स्वास्थ्य के लिए निम्न स्तर का वायु प्रदूषण भी बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। एक नए अध्ययन में आगाह किया गया है कि ऐसे माहौल में लगातार रहने से हृदय की सामान्य गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं। इस लिए इस पर गौर किए जाने की जरूरत है। यह बदलाव वैसा ही हो सकता है जैसा कि हार्ट फेल होने की प्रारंभिक अवस्था में होता है। ब्रिटेन की क्वीन मैरी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष करीब चार हजार लोगों पर किए अध्ययन के बाद निकाला है। इन प्रतिभागियों से उनकी जीवनशैली, हेल्थ रिकार्ड और उनके निवास के बारे में जानकारी एकत्र की गई थी। इनके हृदय का आकार, वजन और कार्यक्षमता का पता लगाने के लिए हार्ट एमआरआइ (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) जांच की गई।
इसमें शोरगुल और व्यस्त सड़कों के आसपास रहने वाले लोगों का नाइट्रोजन डाईआक्साइड या पीएम 2.5 (वायु प्रदूषण के सूक्ष्म कण) से सीधा संबंध पाया गया। प्रमुख शोधकर्ता नाय आंग ने कहा कि हमें निम्न स्तर के वायु प्रदूषण में भी हृदय में उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिला। अनियमित दिनचर्या और खानपान में पोषण की कमी के कारण दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं। हार्ट अटैक, हाइपरटेंशन, दिल की धड़कन का असामान्‍य होने जैसी कई समस्‍याएं हो रही हैं, जिनका सीधा संबंध दिल से है। इसके अलावा दिल के लिए प्रदूषण भी बहुत खतरनाक है, अगर आप अधिक समय तक प्रदूषण में अपना समय बिताते हैं, तो आप अपने दिल को कमजोर बनाते हैं। 
एक शोध में सामने आया है कि वायु प्रदूषण से फेफड़ों को नुकसान पहुंचने के साथ ही हृदय भी प्रभावित होता है। शोध के मुताबिक हवा में मौजूद सूक्ष्म कण हृदय की कार्यप्रणाली पर बुरा असर डालते हैं। जिसके कारण उसकी इलेक्ट्रानिक सिग्नल देने की क्षमता प्रभावित होती है। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में हृदय रोग से पीडि़त मरीजों के हृदय की क्रियाशीलता में प्रदूषण की वजह से आने वाले परिवर्तन की जांच की। शोधकर्ताओं ने गाडि़यों से निकलने वाले जहरीले पदार्थों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया। प्रमुख शोधकर्ता डायने आर. गोल्ड के मुताबिक वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा प्रभाव अस्पताल में भर्ती हार्ट अटैक व डायबिटीज के मरीजों में देखने को मिला। पूर्व में किए गए शोध भी सड़क पर बढ़ते ट्रैफिक और वायु प्रदूषण से हार्ट अटैक के खतरे की बात कह चुके हैं। गोल्ड ने अपने अध्ययन के आधार पर कहा कि आयरलैंड में वायु में जहरीले पदार्थो की सांद्रता कम होने से हृदय-धमनी संबंधी रोगों में दस फीसदी तक गिरावट आई।

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