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गठिया रोग की चपेट में दुनिया भर के लोग -भारत में हर दूसरा या तीसरा मरीज परेशानी से जूझ रहा

गठिया रोग की चपेट में दुनिया भर के लोग -भारत में हर दूसरा या तीसरा मरीज परेशानी से जूझ रहा

  भारत में हर दूसरा या तीसरा मरीज गठिया रोग की वजह से घुटने की परेशानी से जूझ रहा है। गठिया रोग (आर्थराइटिस) की चपेट में भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के लोग हैं। जानकारों का मानना है कि देश में 15 करोड़ से अधिक लोग घुटने की बीमारी से पीड़ित हैं। जिस तेजी से यह बीमारी बढ़ रही है, आने वाले कुछ सालों में आर्थराइटिस लोगों को शारीरिक रूप से अक्षम बनाने में चौथा प्रमुख कारण होगा। जैसे-जैसे यह रोग बढ़ता है, वैसे-वैसे रोगी के लिए चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है। गठिया का सबसे ज्यादा असर घुटनों और रीढ़ की हड्डी पर होता है। इसके साथ ही अंगुलियों के जोड़ों, कलाई, कूल्हों और पैरों के जोड़ों को भी प्रभावित करता है। भारतीय लोग आनुवांशिक तौर पर घुटने की आर्थराइटिस से अधिक ग्रस्त होते हैं। बता दें कि टमाटर विटामिन सी, लाइकोपीन, विटामिन, पोटैशियम पाया जाता है, जो शरीर के लिए काफी लाभकारी होता है। जब हड्डियों के जोड़ों में यूरिक एसिड जमा हो जाता है तो वह गठिया का रूप ले लेता है। इसके बाद रोगी के एक या एक से अधिक जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन आ जाती है। गठिया के अधिक बढ़ जाने पर रोगी को चलने-फिरने में भी परेशानी होने लगती है। इसके अलावा जोड़ों में गांठे पड़ जाती हैं, जो रोगी को बहुत दर्द पहुंचाती हैं। जोड़ों में गांठ होने के कारण इसे गठिया कहते हैं। यूरिक एसिड कई तरह के खाद्य पदार्थों को खाने से बनता है। गठिया की मरीज के लिए टमाटर बहुत फायदेमंद हो सकता है। हमारे रसोईघर में टमाटर का बड़ा महत्व होता है, क्योंकि लगभग सभी डिश में टमाटर की प्यूरी या कटे हुए पीस का इस्तेमाल होता है। इसके अलावा टमाटर का उपयोग सलाद, सूप बनाने और चटनी बनाने में किया जाता है। इसके साथ ही टमाटर गठिया के रोग में काफी असरकारक है। रोज टमाटर के जूस में अजवायन मिलाकर खाने से गठिया में होने वाले दर्द में आराम मिलता है। 

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