
बेंगलुरु । भारत सरकार के दूर संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अमेरिका की शीर्ष टेक कंपनी ऐपल बड़े पैमाने पर भारत में निवेश कर रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में ऐपल की नौ ऑपरेटिंग यूनिट चीन से भारत शिफ्ट कर चुकी हैं। इनमें कंपोनेंट बनाने वाली यूनिट्स भी शामिल हैं। प्रसाद ने बेंगलुरु टेक समिट के 23वें एडिशन को वर्चुअली संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग वर्ल्ड वैकल्पिक डेस्टिनेशंस की तलाश कर रहा है। उन्होंने कहा, मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में तेजी लाने के प्रयासों में शानदार सफलता को देखते हुए हम प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (पीएलआई) का बड़ा आइडिया लेकर आए।' केंद्रीय मंत्री ने इससे पहले दावा किया था कि सैमसंग, फॉक्सकॉन, राइजिंग स्टार, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन पीएलआई स्कीम के तहत एप्लिकेशन फाइल कर रहे हैं।
समिट का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने तकनीक की ताकत को दिखाया है और भारतीयों ने आसानी के साथ इसे अपनाया है। लॉकडाउन और यात्रा पर पाबंदियों के कारण ने लोगों को कार्यक्षेत्र से दूर रखा लेकिन तकनीक ने घर से काम को आसान बनाया। आने वाले दिनों में तकनीक अपनाने का यह सिलसिला जारी रहेगा। उन्होंने कहा, 'चुनौतियों में लोग अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं। शायद यह भारत के टेक पेशेवरों के लिए प्रासंगिक है। जब कस्टमर की मांग होती है या कोई डेडलाइन होती है तो आपने नोटिस किया होगा कि सर्वश्रेष्ठ समाधान निकलता है।' उल्लेखनीय है कि सरकार ने विदेशी इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को लुभाने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (पीएलआई) लॉन्च की थी। इस योजना के तहत अभी तक कई विदेशी कंपनियों ने भारत में आकर मोबाइल प्रोडक्शन और पार्ट्स के उत्पादन करने के लिए आवेदन किया है। सरकार ने हाल में इस योजना का दायरा बढ़ाकर 10 नए सेक्टरों को इसमें शामिल किया है।