
मुंबई । घातक कोविड-19 वायरस की रोकथाम के लिए कोरोना के विरुद्ध युद्ध के मोर्चे पर उम्मीद की किरण दिखने लगी है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) अगले साल मार्च-अप्रैल में बाजार में अपनी कोविड-19 वैक्सीन की बिक्री शुरू कर सकती है। बड़ी कंपनियों की ओर से इसकी भारी मांग है जो अपने कर्मचारियों को जल्दी से जल्दी यह वैक्सीन लगाना चाहती हैं। एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि अगर यह वैक्सीन कारगर और सुरक्षित पाई गई तो मार्च-अप्रैल 2021 के बाद यह बाजार में उपलब्ध हो सकती है। शुरुआत में बल्कि ऑर्डर के लिए इसकी सप्लाई की जाएगी। बाद में यह व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी।
मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी ऑर्डर के पूरा होने के बाद निजी कंपनियों को इसकी आपू्र्ति होगी। हालांकि सरकार ने वैक्सीन की खरीद के लिए अभी तक कोई अग्रिम अनुबंध नहीं किया है लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को जून 2021 तक 30 करोड़ डोज अलग रखने को कहा है। ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका ने कोविड-19 वैक्सीन की खरीद और वितरण को योजनाओं की घोषणा की है लेकिन भारत में सरकार ने आधिकारिक रूप से ऐसा कोई ऐलान नहीं किया है।
एसआईआई ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह अपनी कोविशील्ड वैक्सीन के एमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया में है। अभी इसके तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। कंपनी ने वैक्सीन के विकास के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर एग्रीमेंट किया है। एसआईआई अपने संसाधनों में सालाना वैक्सीन की 2 अरब डोज बना सकती है। वैक्सीन कंपनियों को उम्मीद है कि क्रिटिकल इंडस्ट्रीज को सीधे उनसे वैक्सीन की खरीद करने की अनुमति दी जाएगी। कंपनियों की कोशिश जल्दी से जल्दी अपने कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने की होगी ताकि उनका कामकाज प्रभावित न हो। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को यह तय करना चाहिए कि सबसे पहले वैक्सीन किसे लगाई जानी चाहिए। उनका कहना है कि निजी कंपनियों को जल्दी इसे खरीदने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। निजी खरीद के लिए सरकार को स्पष्ट गाइडलाइन जारी करनी चाहिए।