
नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के 63वें स्थापना दिवस का शुभारंभ किया। डीआरआई तस्करी विरोधी खुफिया और जांच एजेंसी है, जो कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के तत्वावधान में काम करती है। समारोह की शुरुआत एक उद्घाटन कार्यक्रम से हुई, जिसका आयोजन वित्त मंत्रालय, नॉर्थ ब्लॉक में हुआ। इस दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ वित्त सचिव डॉ. अजय भूषण पांडे, सीबीआईसी के चेयरमैन एम.अजीत कुमार और डीआरआई के प्रधान महानिदेशक बालेश कुमार मौजूद थे। कोविड-19 महामारी को देखते हुए, इस साल यह समारोह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाइव किया, जिसमें दुनिया भर से 450 से अधिक डीआरआई, सीबीआईसी और भारत सरकार के अन्य अधिकारियों ने भागीदारी की।
मंत्री सीतारमण ने “स्मगलिंग इन इंडिया रिपोर्ट 2019-20” का अनावरण किया, जिसमें सोना, विदेशी मुद्रा, मादक औषधि, सुरक्षा, पर्यावरण और वाणिज्यिक धोखाधड़ी पर संगठित तस्करी का विश्लेषण किया है। बालेश कुमार ने गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया, साथ ही पिछले वित्तीय वर्ष में डीआरआई के प्रदर्शन पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की।
वित्तमंत्री ने डीआरआई और उसके अधिकारियों को उनके प्रदर्शन और सराहनीय सेवा, विशेष रूप से प्रचलित महामारी के समय में योगदान के लिए बधाई दी। सीतारमण ने तमाम जोखिमों के बावजूद अपने कार्यों के प्रति निष्ठा दिखाने के लिए डीआरआई के 800 अधिकारियों की सराहना की।
वित्त मंत्री ने डीआरआई के अधिकारियों को प्रोत्साहित किया कि वे कड़ी मेहनत जारी रखें। साथ ही डीआरआई और भारतीय सीमा शुल्क विभाग से आग्रह किया कि यह सुनिश्चित करें कि भारत के आर्थिक मोर्चे के प्रत्येक अपराधी पर शिकंजा कसा जाए। मंत्री सीतारमण ने दुनिया भर में सीमा शुल्क प्रवर्तन एजेंसियों के बीच जानकारी साझा करने के लिए विश्व सीमा शुल्क संगठन की भूमिका की सराहना की। साथ ही इस तरह पारस्परिक लाभ की जानकारी के आदान-प्रदान को तेज करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस समारोह में विश्व सीमा शुल्क संगठन के महासचिव डॉ. कुनिओ मिकुरिया ने भी भाग लिया। उन्होंने “कस्टम्स रिस्पॉन्स टु द कोविड-19 पैन्डेमिक” विषय पर उपस्थित लोगों को संबोधित किया।