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टीडीएस ज्यादा कटा तो आयकर विभाग देगा रिफंड, इस बार कोरोना व साफ्टवेयर अपडेट से हो सकता है विलंब 

टीडीएस ज्यादा कटा तो आयकर विभाग देगा रिफंड, इस बार कोरोना व साफ्टवेयर अपडेट से हो सकता है विलंब 


नई दिल्ली । टैक्सपेयर्स पर जितना इनकम टैक्स बनता है, यदि टैक्सपेयर ने उससे अधिक इनकम टैक्स जमा किया है, या उनका टीडीएस ज्यादा कटा है, तो इनकम टैक्स विभाग ऐसे टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिफंड देती है। इस साल इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2020 है। 
आमतौर पर टैक्स रिफंड आईटीआर फाइल करने के कुछ दिनों के अंदर ही आ जाता है। आईटीआर असेसमेंट में कोई गड़बड़ी होने या गलत आईटीआर फाइल होने पर टैक्स रिफंड में देरी होती है। यदि आपने वर्ष 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किया है और आपको अब तक इनकम टैक्स रिफंड नहीं मिला है, तो घबराएं नहीं। कोविड-19 महामारी के कारण असेसमेंट ईयर 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिफंड मिलने में इस साल देरी हो सकती है। 
इसके अलावा, आईटीआर की तेजी से प्रोसेसिंग के लिए सॉफ्टवेयर को अपग्रेड किया जा रहा है। इस टेक्निकल अपग्रेड के कारण इनकम टैक्स रिफंड में देरी हो सकती है। इनकम टैक्स रिफंड के लिए कोई निश्चित डेडलाइन नहीं होती है। टैक्स रिफंड कुछ दिनों में हो सकता है, वहीं कुछ मामलों में इसमें महीनों लग जाते हैं। यह केस-टू-केस डिपेंड करता है कि इनकम टैक्स रिफंड कब आएगा। इनकम टैक्स विभाग ने बताया कि असेसमेंट ईयर 2020-21 का इनकम टैक्स रिटर्न सीपीसी 2.0 के जरिए प्रोसेस किया जाएगा। इस वजह से रिफंड में देरी हो रही है। हालांकि, इनकम टैक्स विभाग ने नए सीपीसी 2.0 प्लेटफॉर्म पर माइग्रेशन और असेसमेंट ईयर 2020-21 के इनकम टैक्स रिटर्न की प्रक्रिया शुरू होने की कोई टाइमलाइन नहीं बताई।
आईटीआर में अधूरी होने और गलत जानकारी देने पर टैक्स रिफंड में देरी हो सकती है। इसके अलावा बैंक अकाउंट, आईएफएससी कोड गलत होने पर भी रिफंड में देरी हो सकती है। जरूरी दस्तावेज संलग्न नहीं होने पर भी रिफंड में देरी होती है। रिफंड में देरी इनकम टैक्स विभाग की तरफ से भी हो सकती है। आईटीआर प्रॉसेस होने में देरी के कारण और बैंक के कारण भी टैक्स रिफंड में देरी होने की संभावना रहती है। आपको बता दें कि ITR फाइल करने की अंतिम तिथि के बाद अगर टैक्स रिफंड में देरी होती है तो टैक्सपेयर्स को 6 फीसदी की दर से व्याज मिलता है।
 

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