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 डीएचएफएल के लिए पीरामल और अडानी को पीछे छोड़ते हुए ओकट्री ने लगाई सबसे ऊंची बोली

 डीएचएफएल के लिए पीरामल और अडानी को पीछे छोड़ते हुए ओकट्री ने लगाई सबसे ऊंची बोली

नई दिल्ली । वित्तीय रूप से हस्ताहाल और ऋण के बोझ से दबी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के लिए अमेरिका की कंपनी ओकट्री ने सबसे ऊंची बोली लगाई है। डीएचएफएल फिलहाल दिवाला प्रक्रिया में है। डीएचएफएल के अधिग्रहण के लिए नए सिरे से बोलियां मांगी गई थीं। पीरामल एंटरप्राइजेज और अडानी ग्रुप को पीछे छोड़ते हुए ओकट्री ने सबसे ऊंची बोली लगाई है। ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने संशोधित बोलियां देने के लिए 14 दिसंबर की समय सीमा तय की थी।
सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि ओकट्री ने अपनी बोली को बढ़ाकर 36,646 करोड़ रुपये कर दिया है। इसमें 1,000 करोड़ रुपये बीमा के और 3,000 करोड़ रुपये अर्जित ब्याज के शामिल हैं। वहीं पीरामल एंटरप्राइजेज ने 35,550 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। इसमें 300 करोड़ रुपये बीमा और 3,000 करोड़ रुपये अर्जित ब्याज के हैं। सूत्रों ने बताया कि ओकट्री ने डीएचएफएल के लिए सशर्त पेशकश की है। वहीं अडानी समूह ने अपनी बोली को बढ़ाकर 33,100 करोड़ रुपये किया है। इसमें 250 करोड़ रुपये बीमा के और 3,000 करोड़ रुपये अर्जित ब्याज के हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले साल नवंबर में दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि. (डीएचएफएल) को दिवाला प्रक्रिया के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के पास भेजा था। डीएचएफएल पहली वित्तीय कंपनी है जिसे रिजर्व बैंक ने धारा 227 में विशेष अधिकारों के तहत एनसीएलटी के पास भेजा।
 

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