
नई दिल्ली । लोगों के पास आयकर विभाग से नोटिस आ रहे हैं लेकिन लोग उसे तवज्जो नहीं दे रहे हैं, तो इसका मतलब है कि वे जल्दी ही बड़े संकट से घिरने वाले हैं। क्योंकि, ऐसे लोगों की पहचान शुरू करने के लिए आयकर विभाग ने एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है। इसके तहत दोषी लोगों की धर-पकड़ की जा रही है। देश भर में ऐसे करीब 6,000 लोगों की पहचान की गई है। उनसे न सिर्फ बकाया टैक्स वसूला जा रहा है, बल्कि जुर्माना भी वसूला जा रहा है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड से जुड़े सूत्रों के अनुसार अब इनकम टैक्स की नोटिस को अनदेखा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अक्सर, देखा गया है कि जिन्हें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ईमेल या एसएमएस के जरिए नोटिस भेजता है, उन्हें खास तवज्जो नहीं दी जाती है। कई बार तो देखा गया है कि फिजिकल तरीके से भेजे गए नोटिस पर भी लोग बात नहीं सुनते।
कई मामलों में तो देखा गया है कि किसी करदाता ने इनकम टैक्स रिटर्न की ई फाइलिंग तो कर दी, लेकिन आईटीआर-वी फार्म का वेरीफिकेशन नहीं कर रहे हैं। ऐसे व्यक्ति न तो आधार ओटीपी (ओटीपी) के जरिए वेरीफिकेशन कर रहे हैं और न ही फिजिकल कॉपी में हस्ताक्षर करके। ऐसे में उनके रिटर्न की प्रोसेसिंग ही शुरू नहीं हो पाती है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से जुड़े आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि ऐसे लोगों की पहचान करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया जा चुका है। इस अभियान में उन्हें टारगेट किया जा रहा है जो जान बूझ कर ईमेल और एसएमएस के जरिए भेजे गए नोटिसों को अनदेखा कर रहे हैं।
इनमें से कुछ तो ऐसे भी हैं, जो आईटीआर दाखिल कर उसे वेरीफाइड करना ही भूल गए। अभी तक ऐसे 6,000 लोगों की पहचान की जा चुकी है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अब इनकम टैक्स विभाग की नजरों से बचना संभव नहीं होगा। अब ज्यादा लेनदेन करने वालों का आंकड़ा इनकम टैक्स विभाग के पास बैंकों से आ रहा है।
ज्यादा नकदी में काम करने वालों पर भी विभाग की नजर है। यहां तक कि अप्रत्यक्ष कर विभाग से भी आंकड़े मंगा कर विश्लेषित किए जा रहे हैं। इन सब पर नजर रखने के लिए किसी व्यक्ति को लगाने पर फेवर करने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए इन पर कंप्यूटर और तकनीक के जरिए नजर रखी जा रही है।