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मेकल पर्वत पर रोपे जाएंगे रुद्राक्ष के पौधे रुद्राक्ष के लिए अमरकंटक का वातावरण अनुकूल

मेकल पर्वत पर रोपे जाएंगे रुद्राक्ष के पौधे  रुद्राक्ष के लिए अमरकंटक का वातावरण अनुकूल

नर्मदा नदी के उद्गमस्थल अमरकंटक में राज्य सरकार रुद्राक्ष के पौधों का प्लांटेशन करेगी। यहां स्थित मेकल पर्वत पर करीब पांच हेक्टेयर क्षेत्र में रुद्राक्ष के पौधे रोपे जाएंगे। रुद्राक्ष के पौधे नेपाल से लाए जाने की तैयारी चल रही है। राज्य सरकार इस योजना पर करीब 10 लाख रुपए खर्च करेगी। वन विभाग के इस प्रस्ताव को राज्य समिति ने पारित कर दिया है, जो अब केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है।वन अफसरों का कहना है कि रुद्राक्ष के लिए अमरकंटक का वातावरण अनुकूल है। इसलिए वहां इस दुर्लभ पौधे के संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं। जानकार बताते हैं कि अमरकंटक में 70 के दशक में रुद्राक्ष के पौधे पाए गए थे। इसलिए इस जगह को प्लांटेशन के लिए चुना गया है। सरकार कैंपा फंड से यह प्लांटेशन करेगी। करीब 12 साल तक पौधों को संरक्षित किया जाएगा। इसके बाद रुद्राक्ष के फलों को बेचने के लिए बाजार तलाशा जाएगा। 
    मालूम हो कि पिछले साल पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा संरक्षण अभियान के तहत अमरकंटक में रुद्राक्ष का एक पौधा रोपा था। विभाग अच्छी गुणवत्ता के पौधों का इंतजाम नेपाल से करेगा। अफसरों का कहना है कि देश में इतनी बड़ी संख्या में अच्छी गुणवत्ता के पौधे नहीं मिल पाएंगे। इसलिए नेपाल से ही पौधे मंगाने पर विचार चल रहा है। रुद्राक्ष का धार्मिक और औषधीय महत्व है। यह भगवान शिव की पूजा में शामिल होता है तो हृदयगति को नियंत्रित करने में भी सहायक है। कई वैद्य इसे शरीर पर धारण करने की सलाह देते हैं। जानकारी के मुताबिक रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं। इनमें एक मुखी से लेकर पांच मुखी तक के रुद्राक्ष को ज्यादातर ज्योतिषी पहनने की सलाह देते हैं। इस संबंध में वन बल प्रमुख जेके मोहंती का कहना है कि रुद्राक्ष पौधे को संरक्षित करने के लिए अमरकंटक में प्लांटेशन का प्रस्ताव तैयार किया है। यह प्रस्ताव केंद्र को भेजा जा रहा है। वहां की स्वीकृति के बाद आगे की कार्रवाई शुरू होगी।

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