
मुंबई । कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप के कारण वैश्विक आर्थिक गतिविधियां लगभग थम गई थीं लेकिन इस्पात उत्पादन करने वाली देश की सबसे पुरानी कंपनी टाटा स्टील 2021 में इस्पात की घरेलू मांग को लेकर काफी सकारात्मक है। टाटा स्टील के मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने कहा कि हम सभी क्षेत्रों से रकम की आमद और कुल खपत में वृद्धि देख रहे हैं। बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सरकार के प्रयासों और आत्मनिर्भर भारत नीति एवं उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के कारण इसमें तेजी आने की उम्मीद है। इसके अलावा ग्रामीण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर सरकार के ध्यान केंद्रित किए जाने से भी इस्पात की मांग में तेजी आएगी।'साल 2020 के आरंभ में वैश्विक महामारी की चरम अवधि के दौरान टाटा स्टील ने दमदार वित्तीय अनुशासन एवं नकदी प्रवाह बंधन के जरिए कारोबारी परिस्थितियों से निपटने में सफल रही। हमारा मानना है कि देश में इस्पात की मांग में वृद्धि होनी चाहिए और वित्त वर्ष 2022 में उसे जीडीपी वृद्धि के अनुरूप अथवा उससे अधिक होनी चाहिए। आमतौर पर भारत जैसे विकासशील देशों में इस्पात की मांग जीडीपी वृद्धि दर के मुकाबले कम रहती है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर इस्पात की मांग और इस्पात उद्योग एवं टाटा स्टील के प्रदर्शन को लेकर हमारा नजरिया सकारात्मक बना हुआ है।' वैश्विक स्तर पर इस्पात की कीमतों में तेजी बरकार रहने के आसार हैं क्योंकि चीन अपनी घरेलू जरूरतों को ध्यान में रखते हुए संभवत: बड़ी मात्रा में निर्यात नहीं करेगा।