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पश्चिम बंगाल में चुनाव की तैयारी में जुटे असदुद्दीन ओवैसी -हुगली में मुस्लिम धार्मिक नेता अब्बास सिद्दीकी के साथ की बैठक

पश्चिम बंगाल में चुनाव की तैयारी में जुटे असदुद्दीन ओवैसी -हुगली में मुस्लिम धार्मिक नेता अब्बास सिद्दीकी के साथ की बैठक

कोलकाता। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी रविवार को पश्चिम बंगाल में हुगली जिले के फुरफुरा शरीफ पहुंचे और प्रमुख मुस्लिम नेता अब्बास सिद्दीकी के साथ राज्य के राजनीतिक परिदृश्य तथा आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की। उनकी पार्टी के सूत्रों ने यह जानकारी दी। राज्य में चुनाव लड़ने की घोषणा करने के बाद ओवैसी की पश्चिम बंगाल की यह पहली यात्रा है। एआईएमआईएम के प्रदेश सचिव ज़मीरुल हसन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ओवैसी बैठक को गुप्त रखना चाहते थे क्योंकि हमें आशंका थी कि राज्य सरकार उन्हें हवाईअड्डे से बाहर निकलने से रोक सकती है।
वह कोलकाता हवाईअड्डे से अब्बास सिद्दीकी से मिलने के लिए सीधे हुगली गए। 
  फुरफुरा शरीफ के पीरजादा (धार्मिक नेता) सिद्दीकी कई मुद्दों पर राज्य सरकार के खिलाफ बोलते रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, वह अपना खुद का एक अल्पसंख्यक संगठन शुरू करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि संभवत: दोनों के बीच बंगाल चुनाव साथ लड़ने और सीटों की साझेदारी पर चर्चा हुई है। गौरतलब है कि ओवैसी की पार्टी ने पिछले साल बिहार चुनाव में पांच सीट जीतकर अच्छा प्रदर्शन किया था। हालांकि, एआईएमआईएम प्रमुख की फुरफुरा शरीफ की यात्रा पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। टीएमसी के वरिष्ठ नेता एवं पार्टी सांसद सौगत रॉय ने कहा, एआईएमआईएम, भाजपा के छद्म रूप के अलावा कुछ नहीं है। ओवैसी अच्छी तरह से जानते हैं कि यहाँ ज्यादातर मुसलमान बंगाली भाषी हैं, और उनका समर्थन नहीं करेंगे। वह अब्बास सिद्दीकी के साथ संबंध बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इससे उन्हें कोई फायदा नहीं होगा। बंगाल में मुसलमान ममता बनर्जी के साथ मजबूती से खड़े हैं। हालांकि, राज्य में प्रमुख मुस्लिम नेताओं ने दावा किया है कि एआईएमआईएम के बंगाल चुनाव में प्रवेश के साथ यहां के चुनावी समीकरण बदल सकते हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, ओवैसी अपनी पार्टी का विस्तार करना चाहते हैं और इसके लिए वह पश्चिम बंगाल में अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने में लगे हुए हैं, क्योंकि राज्य में लगभग 30 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है। इनमें से कम से कम 24 फीसदी बंगाली भाषी मुस्लिम हैं। पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए अप्रैल-मई में चुनाव होने की संभावना है।
 

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