
नई दिल्ली । प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने बाजार नियामक सेबी के रेलिगेयर एंटरप्राइजेज और रेलिगेयर फिनवेस्ट को कर्ज वापस लेने के आदेश के खिलाफ फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रवर्तक शिविन्दर मोहन सिंह की अपील खारिज कर दी है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मार्च, 2019 को दिए अपने अंतरिम आदेश में रेलिगेयर एंटरप्राइजेज और रेलिगेयर फिनवेस्ट को सिंह और कई अन्य इकाइयों को दिये गये 2,065 करोड़ रुपये के कर्ज को वापस लेने के लिए कदम उठाने को कहा था। सेबी के अंतरिम आदेश के अनुसार रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के प्रवर्तकों और प्रवर्तक समूह की इकाइयों के उपयोग के लिये कोष को रेलिगेयर फिनवेस्ट के बही-खातों से निकाला गया था।
नियामक ने शिकायतों के आधार पर यह निर्देश दिया था। शिकायत में रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की अनुषंगी रेलिगेयर फिनवेस्ट में वित्तीय कुप्रबंधन और कोष की हेरा-फेरी का आरोप लगाया गया था। सेबी ने सितंबर, 2019 में इस बाबत अंतिम आदेश जारी किया। नियामक के आदेश के बाद सिंह ने सैट का दरवाजा खटखटाया। अपीलीय न्यायाधिकरण ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि जब कोष की हेराफेरी हुई, सिंह दोनों कंपनियों के निदेशक और प्रवर्तक थे। न्यायाधिकरण के अनुसार सिंह ने दलील दी कि उनका कोष की हेराफेरी से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन इस मौके पर उनके इस तर्क को स्वीकार नहीं किया जा सकता।