
नई दिल्ली । स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस कम्युनिकेशन, रिलायंस टेलीकॉम और रिलायंस इन्फ्राटेल के बैंक खातों को 'फ्रॉड' की श्रेणी में रखा है। इससे मामले की सीबीआई जांच की संभावनाएं मजबूत हो गई हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने एसबीआई से कहा कि वह अनिल अंबानी की कंपनियों- आरकॉम, रिलायंस टेलीकॉम और रिलायंस इंफ्राटेल के खातों पर यथास्थिति बनाए रखे, जिन्हें बैंकों ने धोखाधड़ी वाले खातों के रूप में घोषित किया है। जस्टिस प्रतीक जालान ने तीन कंपनियों के तत्कालीन निदेशकों की याचिका पर सुनवाई के दौरान बुधवार को यह फैसला दिया।
याचिका में बैंकों द्वारा किसी खाते को धोखाधड़ी वाला घोषित करने के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक के 2016 के परिपत्र को चुनौती दी गई थी। इसके अनुसार, परिपत्र ने बैंकों को खाताधारक को कोई पूर्व सूचना या जानकारी दिए बिना खातों को धोखाधड़ी के रूप में घोषित करने की अनुमति दी है, जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। उनके वकीलों ने अदालत को बताया कि इस परिपत्र के खिलाफ 2019 के बाद से ऐसी ही कई याचिकाएं दायर की गई हैं और उन मामलों में याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट ने राहत दी।
इसके बाद जस्टिस जालान ने भारतीय स्टेट बैंक को निर्देश दिया कि वह तीन कंपनियों के खातों के संबंध में ‘‘सुनवाई की अगली तारीख तक यथास्थिति बनाए रखें।''