
नई दिल्ली । देश में पेट्रोलियम की कुल मांग में साल 2020 में गिरावट देखने को मिली। पिछले 21 साल में पहला मौका है, जब पेट्रोलियम की कुल सालाना मांग घटी है। कोविड-19 के कारण बिजनस और फैक्ट्रियों के बंद होने से पेट्रोलियम की मांग प्रभावित हुई। डीजल, फ्यूल और जेट फ्यूल सहित सभी पेट्रोलियम उत्पादों की मांग 2020 में 2019 के मुकाबले 10.8 फीसदी कम रही। 1999 के बाद पहला मौका है जब पेट्रोलियम की सालाना मांग में गिरावट आई है। पेट्रोलियम मंत्रालय की संस्था पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के अस्थायी आंकड़ों के आधार पर निष्कर्ष निकाला है। पिछले साल खपत भी 19.34 करोड़ टन रही जो 5 साल में सबसे कम है। भारत एशिया में तेल का दूसरा सबसे बड़ा आयातक है। मार्च में लॉकडाउन के बाद देश में तेल की मांग 70 फीसदी तक गिर गई थी। इससे कच्चे तेल की प्रोसेसिंग और पेट्रोकेमिकल प्लांट्स के ऑपरेशंस में भी कटौती करनी पड़ी थी। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी को सुस्ती से बाहर निकालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने लॉकडाउन की अधिकांश बंदिशों को हटा दिया है।लॉकडाउन की बंदिशों में ढील के बाद मांग जोर पकड़ रही है।