
मुंबई । बेहतर मानसून के बीच वर्ष 2020-21 में घरेलू उर्वरक की बिक्री 10 प्रतिशत तक बढ़कर रिकॉर्ड 6.8 करोड़ टन पहुंच सकती है। यह पिछले पांच वर्षों की तीन प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से कहीं अधिक रहेगी। क्रिसिल रेटिंग ने एक रपट में कहा गया है कि बेहतर मानसून के कारण चालू वित्तवर्ष में देश में उर्वरक की बिक्री 10 प्रतिशत बढ़ कर रिकॉर्ड 6.8 करोड़ टन होना तय है। इसके अलावा पिछले नवंबर में आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 के तहत सरकार द्वारा घोषित 65,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी के समय पर वितरण किए जाने से उर्वरक निर्माताओं के वित्तीय साख के स्वरूप में सुधार होगा। क्रिसिल रेटिंग ने कहा कि अतिरिक्त सब्सिडी का वितरण इस वित्तीय वर्ष के आखिर तक उर्वरक उद्योग पर ऋण तीन-चौथाई कम हो जाएगा और इनकी देनदार के दिनों की औसत संख्या 200 से घटाकर 50 दिन पर आ सकती है। इसमें कहा गया है कि पिछले वित्त वर्ष के अंत तक उर्वरक उद्योग का सब्सिडी बकाया बढ़कर 50,000 करोड़ रुपए से अधिक हो गया था। चालू वित्त वर्ष में सब्सिडी के लिए 71,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। अगर 65,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी जोड़ दी जाए, तो वित्त वर्ष 2021 में आवंटित कुल सब्सिडी की राशि 1.36 लाख करोड़ रुपए होगी।