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निम्न वृद्धि दर की स्थिति में भी भारत का कर्ज स्तर कम होगा: मुख्य आर्थिक सलाहकार

निम्न वृद्धि दर की स्थिति में भी भारत का कर्ज स्तर कम होगा: मुख्य आर्थिक सलाहकार

नई ‎दिल्ली। मुख्य अर्थशास्त्री केवी सुब्रमणियम ने कहा कि आर्थिक वृद्धि के कारण कर्ज के मामले में एक स्थिरता बनी है। उन्होंने कहा कि अगर भारत की वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 2022-23 से 2028-29 तक 3.8 प्रतिशत भी रहती है, तो भी देश का कर्ज का स्तर नीचे आएगा। सुब्रमणियम ने यह भी कहा कि भारत बुनियादी ढांचे पर खर्च पर जोर के साथ विस्तार वाली राजकोषीय नीति को अपनाता रहा है। उन्होंने कहा ‎कि आर्थिक वृद्धि कर्ज में स्थिरता लाती है। अगर भारत की वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 2022-23 से 2028-29 तक 3.8 प्रतिशत भी रहती है, तो भी देश का कर्ज का स्तर नीचे आएगा। सीईए ने कहा कि भारत को निश्चित रूप से वृद्धि पर ध्यान देना चाहिए ताकि हम पुनर्वितरण करने में सक्षम हों और लोगों का गरीबी से बाहर निकाला जाए। उन्होंने कहा कि वृद्धि से 85 प्रतिशत वृद्धि का उन्मूलन हो सकता है। भारत ने इस भीषण संकट से निपटने के लिये परिपक्वता के साथ और जो साहसिक कदम उठाये, उसका जब भी आकलन होगा, भारत की सराहना की जाएगी। सुब्रमणियम ने यह भी कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ाकर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 2.5 प्रतिशत किए जाने से लोगों की जेब पर इलाज खर्च का बोझ कम पड़ेगा। उन्होंने अनुसंधान एवं विकास पर खर्च मौजूदा करीब 1.5 प्रतिशत से 3 प्रतिशत करने का भी आह्वान किया।
 

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