YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

इकॉनमी

मुश्किल हालात में विकास को गति देने की कोशिश

मुश्किल हालात में विकास को गति देने की कोशिश

नई दिल्ली । कोरोना संकट से जब एक तरफ देश उबरने की कोशिश कर रहा है, उस दौर में पेश किए गए बजट में आर्थिक विकास को गति देने की भरपूर कोशिश की गई है। बजट में सीधे तौर पर लोगों को न तो कोई बड़ी राहत दी गई और न कोई अतिरिक्त बोझ उन पर डाला गया है। सरकार का फोकस बुनियादी संरचना पर निवेश बढ़ाने को लेकर रहा है।
आर्थिक जानकारों का कहना है कि सरकार ने मौजूदा परिस्थितियों एवं उपलब्ध संसाधनों में बेहतर करने की कोशिश की है। दरअसल, कोरोना महामारी के प्रभावों से सरकार की आय में कमी आई है, जिससे राजकोषीय घाटा बढ़ा है। मौजूदा बजट में राजकोषीय घाटे की चिंता किए बगैर बुनियादी ढांचे पर निवेश बढ़ाने की कोशिश की गई है ताकि कामकाज शुरू होने से रोजगार सृजित हों और लोगों की आय बढ़े। यह जरूर है कि राजकोषीय घाटा नए वित्त वर्ष में 6.8 फीसदी रहने से कई चुनौतियां भी पैदा हो सकती हैं। क्रेडिट एजेंसियां रेटिंग कम कर सकती हैं। इससे ऋण महंगे हो सकते हैं। लेकिन सरकार ने इसके बावजूद खर्च बढ़ाकर साहसिक बजट पेश किया है। आर्थिक विशेषज्ञ जगदीश शेट्टीगर कहते हैं कि बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करने से बीमा क्षेत्र का विस्तार होगा तथा प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी। दूसरे, बीमा क्षेत्र में होने वाले निवेश से सरकार को बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं के लिए धन भी प्राप्त होता है, जो बैंक में की जाने वाली जमाओं से नहीं होता है, क्योंकि बैंक जमाएं सीमित अवधि के लिए होती हैं। बीमा में निवेश लंबे क्षेत्र के लिए होता है। फिर भारत में बीमा क्षेत्र में अभी विस्तार की अपार संभावनाएं हैं। शेट्टीगर के अनुसार कृषि क्षेत्र के लिए चूकि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के दौरान कई घोषणाएं पहले हो चुकी थीं इसलिए बजट में ज्यादा फोकस नहीं रहा। इसी प्रकार कर व्यवस्था को पारदर्शी बनाने पर बजट में जोर दिया गया है। इसके पीछे असल मकसद यह है कि ईमानदार करदाताओं को आसानी हो और करों की चोरी रुके। इस प्रकार के उपाय जीएसटी में किए जा रहे हैं और पिछले महीने का संग्रह इस बात का प्रमाण है कि सरकार के राजस्व में इन प्रयासों से बढ़ोत्तरी हो रही है। इसी प्रकार रेलवे की खाली भूमि के इस्तेमाल की योजना भी आउट आफ बाक्स विचार है जिसके इस्तेमाल से नए रोजगार सृजित किए जा सकते हैं। बजट को 6 स्तंभों स्वास्थ्य एवं कल्याण, पूजी और बुनियादी ढांचा, आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन संचार, इनोवेशन और अनुसंधान एवं विकास तथा न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन में बांटकर सरकार ने लक्ष्यों को निर्धारित करने की कोशिश की है।
 

Related Posts