
नई दिल्ली । वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य सचिव, डॉ अनूप वधावन ने आज कहा कि 2021-22 के बजट में बड़े पैमाने पर पूरी समग्रता के साथ व्यापक रूप से कई पहलें की गई हैं। जिनसे भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता और विनिर्माण क्षमताओं में बढ़ोतरी होगी। जिसके जरिए भारत के निर्यात क्षेत्र में न केवल बढ़ोतरी होगी, बल्कि उसमें विविधता और तकनीकी क्षमता का विकास होगा। इन कदमों से भारत में व्यापार करना न केवल आसान होगा बल्कि देश में निवेश के लिए बेहतर अवसर बनेंगे। इन कदमों का उद्देश्य यह है कि निवेशकों के लिए ऐसा इको-सिस्टम तैयार हो जाए, जिससे उनके लिए भारत में काम करना बेहद आसान बने।
उन्होंने कहा कि बजट में सबसे मुख्य जोर इस बात पर दिया गया है कि विनिर्माण क्षेत्र के लिए एक मजबूत बुनियादी ढांचा, लॉजिस्टिक नेटवर्क और उपयोगी तंत्र का निर्माण हो। इसके तहत मेगा इनवेस्टमेंट टेक्सटाइल्स पार्क (मित्र) की योजना शामिल है। जिसका उद्देश्य विनिर्माण क्षेत्र में विश्वस्तरीय कंपनियां तैयार करना है। जिससे कि अर्थव्यवस्था को नई गति मिल सके। इसके अलावा अगले 3 साल में सात टेक्सटाइल पार्क भी बनाए जाएंगे। इसके अलावा आधुनिक मत्स्य पत्तन और मत्स्य पालन केंद्र विकसित करने के लिए पांच मत्स्य पत्तन और पालन केंद्र बनाए जाएंगे। जो कोच्चि, चेन्नई, विशाखापट्टनम, पारादीप और पेटुघाट में बनेंगे। इसके अलावा तमिलनाडु में बहुउद्देश्यीय शैवाल पार्क भी बनाया जाएगा। इन कदमों से कपड़ा और समुद्री क्षेत्र में निर्यात को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। डॉ. वधावन ने कहा कि कृषि क्षेत्र से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की "ऑपरेशन ग्रीन" योजना, जो कि वर्तमान में प्याज, आलू और टमाटर के लिए लागू है, उसे अब 22 अन्य सब्जियों के लिए भी लागू कर दिया गया है। यह कदम बागवानी उत्पादों के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण और मूल्यसंवर्धन को बढ़ावा देगा। इसके अलावा कृषि निर्यात नीति (एईपी) और परिवहन और मार्केटिंग सहायता (टीएमए) जैसी योजनाओं के लिए बजट में आवंटन बढ़ाया गया है, जो राज्यों में एईपी के कार्यान्वयन और कृषि निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करेगा।