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 2030 तक भारतीय फार्मा बाजार 130 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढऩे की उम्मीद: मंत्री सदानंद गौड़ा

 2030 तक भारतीय फार्मा बाजार 130 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढऩे की उम्मीद: मंत्री सदानंद गौड़ा

नई दिल्ली । केंद्रीय रसायन मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा और रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मांडविया ने इंडिया फार्मा और इंडिया मेडिकल डिवाइस 2021 के छठवें कार्यक्रम से पर्दा उठाया। औषध विभाग, रसायन और उर्वरक मंत्रालय, फिक्की और इन्वेस्ट इंडिया के साथ मिलकर औषधीय और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र से संबंधित छठवें वार्षिक कार्यक्रम इंडिया फार्मा और इंडिया मेडिकल डिवाइस 2021 का आयोजन करेगा, जो कि 25-26 फरवरी और 1- 2 मार्च 2021 को निर्धारित किया गया है।
मंत्री गौड़ा ने कहा, सस्ती दवाओं पर जोर देने के साथ ही स्वास्थ्य सेवा सरकार की प्राथमिकताओं का एक अभिन्न अंग बनी हुई है, जिसमें रोग की पहचान और उसके उपचार तक पहुंच बढ़ाकर, चिकित्सकीय उपकरणों के स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देकर और स्वास्थ्य सेवा की लागत को कम करने के लिए नवाचार को प्रोत्साहित करना शामिल है। मेक इन इंडिया पहल के तहत सरकार अपनी विभिन्न नीतियों और योजनाओं के माध्यम से सस्ते चिकित्सकीय उपकरणों और दवा के निर्माण को प्रोत्साहित कर रही है। इंडिया फार्मा 2021 और इंडिया मेडिकल डिवाइस 2021 विकास की अगली लहर की आधारशिला रखेंगे। उन्होंने कहा कि भारत सस्ती जेनरिक दवाओं का एक बड़ा का प्रमुख निर्यातक है और चिकित्सा उपकरणों व रोग निदान का एक प्रमुख केंद्र है। अपने फार्मा उत्पादों के साथ भारत 200 से अधिक देशों और क्षेत्रों में सेवाएं दे रहा है और अपनी जिम्मेदारियां निभाता रहेगा। हमारा इरादा ध्वनि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, व्यवसायिक समझ और नैतिकता पर आधारित योजनाओं को जारी रखने का है। हमने भारत में कारोबार करने में आसानी बढ़ाने के लिए प्रयास जारी रखे हैं, जिसके लिए पहले ही कई योजनाओं की घोषणा की जा चुकी है और 4 विश्व स्तरीय चिकित्सा उपकरण पार्कों के निर्माण के लिए 400 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन देने या तीन बड़े थोक दवा पार्क बनाने के लिए 3000 करोड़ रुपये के आवंटन जैसे कदम उठाकर घरेलू विनिर्माण का समर्थन करना जारी है। हम इस आयोजन में भारत के दो सबसे बड़े संभावित क्षेत्रों के बारे में बात कर रहे हैं। 2030 तक भारतीय फार्मा उद्योग 130 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। 2025 तक भारत में चिकित्सा उपकरणों के उद्योग के 50 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की क्षमता है।
मनसुख मांडविया ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उद्यम को सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए एक मंच दिया गया है और साथ में प्रगति करने का रास्ता निकाला है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत को कोविड के खिलाफ लड़ाई में विश्व स्तर पर सराहना मिली है। महामारी के दौरान भारतीय फार्मा उद्योगों ने देश की जरूरतों को पूरा करते हुए 120 से अधिक देशों को आवश्यक दवाओं की आपूर्ति की। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा कोविड 19 टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया है और अन्य देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराने के वैश्विक प्रयास के केंद्र में है।
 

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