
नई दिल्ली । रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मौजूदा संयुक्तउन्नत प्रौद्योगिकी कार्यक्रम के दायरे और उद्देश्य का विस्तार करने के लिएआईआईएससी के परिसर में जेएटीपी-सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (जेएटीपी- सीओई) केनिर्माण के लिए भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरु के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए । डीडीआर एंड डीडीओ के सचिव डॉ जीसतीश रेड्डी और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष औरभारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के निदेशक प्रो गोविंदन रंगराजन ने नईदिल्ली के डीआरडीओ भवन में आयोजित एक आभासी कार्यक्रम में समझौता ज्ञापन परहस्ताक्षर किए । भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलुरु के परिसरमें स्थित संयुक्त उन्नत प्रौद्योगिकी कार्यक्रम-उत्कृष्टता केंद्र (जेएटीपी-सीओई) निर्देशित बेसिक एंड एप्लाइड रिसर्च को सक्षम बनाएगा औरबहु-अनुशासनात्मक और बहु-संस्थागत सहयोग के माध्यम से प्रमुख अनुसंधानसंस्थानों के साथ जुड़ सकेगा।
केंद्र में केंद्रित अनुसंधान प्रयासों सेअत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रोंमें स्वदेशी प्रौद्योगिकियों की प्राप्ति होगी। समझौता ज्ञापन (एमओयू) के अनुसार, रक्षा अनुसंधान एवं विकाससंगठन (डीआरडीओ) संयुक्त उन्नत प्रौद्योगिकी कार्यक्रम (जेएटीपी) को उन्नतऔर अनूठी अनुसंधान सुविधाओं से लैस करने में सहयोग करेगा जिससे संकाय औरविद्वान उन्नत स्तर का अनुसंधान करने में सक्षम होंगे । रक्षा अनुसंधान एवंविकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिक और इंजीनियर अनुसंधान के उन्नतक्षेत्रों में एक अभिनव समाधान खोजने के लिए चुनौतीपूर्ण वैज्ञानिकसमस्याओं के समाधान में अकादमिक अनुसंधान संकाय और विद्वानों के साथ कामकरेंगे, जैसे उन्नत एयरोस्पेस सिस्टम एंड मैटेरियल्स, हाई टेम्परेचरमटेरियल, माइक्रो एंड नैनो सिस्टम्स साइंस एंड टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियलइंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स, क्वांटम टेक्नोलॉजीज इत्यादि । संयुक्त उन्नतप्रौद्योगिकी कार्यक्रम- उत्कृष्टता केंद्र (जेएटीपी-सीओई) अपनी शोधशक्तियों के आधार पर देश के अन्य प्रमुख संस्थानों को भी शामिल कर सकते हैं।