
नई दिल्ली । देश में बढ़ती महंगाई ने आमजन का जीना मुहाल कर दिया है ऐसे में मल्टी कमोटिडी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर कॉपर की कीमतें 638.50 रुपए प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। जिस वजह से आने वाले दिनों में पानी की मोटर, घर की इलेक्ट्रिक फीटिंग से लेकर कूलर, मिक्सर ग्राइंडर, एसी आदि सामानों की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा पेश किए बजट में कॉपर स्क्रैप पर आयात शुल्क को 5 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी कर दिया। इससे तांबे के सस्ते होने की उम्मीद थी लेकिन दुनिया भर में अर्थव्यवस्थाएं कोरोना वायरस महामारी से उबर रही हैं। इसी वजह से औद्योगिक उत्पादन में तेजी आ रही है चूंकि उद्योगों में बड़े पैमाने पर कॉपर का उपयोग होता है इसलिए इसकी मांग बढ़ रही है। इसी वजह से तांबे की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रही है। वहीं, लॉकडाउन खुलने के बाद भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिकल गुड्स बनाने वाली कंपनियों में मांग बढ़ने के कारण भी इसकी कीमत में बढ़ोतरी को समर्थन मिल रहा है। बिजली के केबल, पंखे, कूलर, एसी जैसे बिजली के अधिकतर सामानों में कॉपर का उपयोग होता है। कॉपर की कीमत बढ़ने से ये सभी सामान महंगे हो जाएंगे।
कोरोना महामारी की वजह से मार्च 2020 में अन्य कई कमोडिटी की तरह कॉपर में भी भारी गिरावट आई थी लेकिन हालात में हो रहे सुधार के साथ इसकी कीमत सुधरती गई। मार्च की गिरावट के बाद से कॉपर ने अब तक 90.23 फीसदी का रिटर्न दिया है। मार्च के निचले स्तर से 2020 के आखिर तक कॉपर ने 77.35 फीसदी का और इस साल अब तक 7.26 फीसदी का रिटर्न दिया है। एमसीएक्स पर कॉपर का भाव मार्च 2020 में गिरकर 335 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गया था। 31 दिसंबर 2020 को यह 594.15 रुपए पर बंद हुआ था। बुधवार 10 फरवरी को कॉपर का 26 फरवरी का कांट्रैक्ट 637.30 रुपए प्रति किलोग्राम पर बंद हुआ।