
नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल के बेतहाशा बढ़ते दामों को लेकर आम जनता के लिए सुकून देने वाली खबर सामने आई है। सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पेट्रोल में मिलाये जाने वाले इथेनॉल की मात्रा 20 फीसदी बढ़ाने को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इससे पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी आने के साथ साथ वाहनों के प्रदूषण से भी राहत मिलेगी। 8 मार्च को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर ई20 ईंधन के उपयोग को मंजूरी दे दी है।
सरकार के इस फैसले का फायदा द्वारिकेश, बलरामपुर चीनी और धामपुर जैसी एथेनॉल बनाने वाली कंपनियों को मिलेगा। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि ई20 वातावरण के लिए भी बेहद सही है है क्योंकि इससे कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन सामान्य पेट्रोल के मुकाबले बेहद कम निकलता है। इस ईंधन के लिए कार और बाइक मैन्यूफैक्चर्स को अलग से बताना होगा कि कौन सा वाहन ई20 के लिए उपयुक्त है, इसके लिए वाहन में एक स्टीकर भी लगाना होगा। भारत में 2008 से पेट्रोल में ई10 या 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित करने की अनुमति है। हालांकि, उपलब्धता की कमी के कारण 6 प्रतिशत से कम इथेनॉल पेट्रोल में मिलाया जाता है।
लाभकारी है ई20 पेट्रोल-
इसके इस्तेमाल करने से पेट्रोलियम पर भारत की निर्भरता काफी हद तक कम हो जाएगी। कार्बन डाई ऑक्साइड (सीO2) कम निकलेगा तो वातावरण को होने वाला नुकसान भी कम हो जाएगा। एथेनॉल का इस्तेमाल बढ़ने से किसानों को फायदा होगा, उनकी आय बढ़ेगी, क्योंकि एथेनॉल गन्ने, मक्का और कई दूसरी फसलों से बनाया जाता है। एथनॉल काफी किफायती है इसलिए उपभोक्ताओं को भी पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
अमेरिका में इथेनॉल का उत्पादन 876 हजार बैरल प्रतिदिन है। उसके बाद ब्राजील है जहां 403 हजार बैरल प्रतिदिन इसका उत्पादन किया जाता है। फिर चीन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, कोलंबिया, स्पेन है और बेल्जियम जैसा छोटा देश भी है तथा अस्ट्रेलिया के बाद 13 नंबर पर भारत है जो 5.30 हजार बैरल प्रतिदिन उत्पादन करता है। सरकार का कहना है कि वर्तमान समय में जो इथेनॉल का सममिश्रण है वह पूरे देश में 6.2 फीसद है जिसे वर्ष 2022 तक 10 प्रतिशत तथा 2025 20 प्रतिशत करने की योजना है।