
नई दिल्ली । बढ़ते ऑनलाइन कारोबार के चलते स्वदेशी ई-कामर्स पोर्टल मे बाजार में दस्तक दे दी है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों के ई कामर्स पोर्टल से इसका मुकाबला होगा। इसे छोटे कारोबारियों की संस्था कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने गुरुवार को यहां लांच किया है। कैट का दावा है कि भारत ई मार्किट पूर्ण रूप से देशी है लेकिन सेवा में यह किसी विदेशी पोर्टल से कंपीटिशन में होगा। कैट के महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में "लोकल पर वोकल" तथा "आत्मनिर्भर भारत" का आह्वान किया था। इसमें भारतीय वस्तुओं एवं तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया गया था। कैट ने इसी अभियान के अंतर्गत "भारत ई मार्किट" पोर्टल को लांच करने की योजना बनाई है। इस पर व्यापारी अपनी ई दुकान खोलकर लोकल उत्पादों को बेच पाएंगे। इस पोर्टल पर व्यापारी से व्यापारी (बीटूबी) तथा व्यापारी से उपभोक्ता (बीटूसी) व्यापार बेहद आसानी से हो सकेगा।
खंडेलवाल का कहना है कि भारत ई मार्किट को इस तरह से सशक्त किया गया है कि यह विदेशी पोर्टलों से भी डट कर मुकाबला करेगा। उनका कहना है कि जिस प्रकार से विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों द्वारा मनमानी करते हुए देश के नियम एवं कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है, उससे व्यापारियों के व्यापार को नुकसान हो रहा रहा है। अब यह पोर्टल उन विदेशी पोर्टलों से मजबूती से मुकाबला करेगा। कुछ विदेशी कंपनियों के ईस्ट इंडिया कंपनी के दूसरे संस्करण बनने के मंसूबों को कैट कभी सफल नहीं होने देगा। खंडेलवाल ने बताया कि इस पोर्टल पर ई दुकान खोलने के लिए प्रत्येक कारोबारी को मोबाइल ऐप के जरिये अपना पंजीकरण करना होगा। पंजीकरण करते समय उन्हें एक ओटीपी प्राप्त होगा, जिसे ऐप पर भरना जरूरी है। इसके बाद उन्हें केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी। यह प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद कोई भी व्यक्ति बेहद आसानी से अपनी ई दुकान स्वयं बना सकता है। इसमें भारत ई मार्किट की टेक्निकल टीम उसकी सहायता करेगी। किसी कारोबारी की ई दुकान बन जाने के बाद पोर्टल पर कारोबार किया जा सकता है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि इस साल दिसंबर तक इससे 7 लाख कारोबारी जुड़ जाएंगे।