
आगरा। मुगल बादशाह शाहजहां के 366वें तीन दिवसीय उर्स में ताजमहल में शाहजहां की कब्र पर खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी के अध्यक्ष ताहिरउद्दीन ताहिर आदि द्वारा 1331 मीटर लंबी चादर चढ़ाई गई। इस पूरे दिन ताजमहल में प्रवेश निशुल्क रहा, जिससे इस दौरान सैलानियों की भीड़ रही। इस मौके पर ताजमहल के तहखाने में स्थित शाहजहां व मुमताज की कब्रों को खोल दिया गया था।
इसके पहले सुबह फातिहा पढ़ा गया। कुलशरीफ हुआ और तवर्रूख बांटा गया। सुबह 10 बजे से कुरानख्वानी के बाद चादरपोशी का सिलसिला शुरू हो गया। ढोल-ताशों के साथ अकीदतमंदों ने ताजमहल में फूलों और कपड़ों की चादर चढ़ाई। मुख्य मकबरे पर कव्वालियां हुईं तथा रॉयल गेट पर शहनाई व नगाड़ा बजता रहा। उर्स में मुख्य आकर्षण खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी की सर्वधर्म सद्भाव की प्रतीक 1331 मीटर लंबी चादर रही। धर्मगुरुओं की उपस्थिति में दक्षिणी गेट स्थित हनुमान मंदिर से चादर चढ़ाई गयी। यह चादर पहले ताजमहल के पश्चिमी गेट पहुंची और वहां से उसे स्मारक में लाया गया। इसके बाद चादर को दक्षिणी गेट की सीढ़ियों पर ले जाया गया। वहां से चादर रॉयल गेट, उद्यान होते हुए मुख्य मकबरे में तहखाने में स्थित शाहजहां की कब्र पर चढ़ाने को ले जाई गयी।
अंत में देश में अमन-चैन और दुनिया से कोरोना वायरस संक्रमण के खात्मे की दुआ की गई। शाम के समय लंगर बांटा गया। इस संबंध में ताजमहल प्रभारी अमरनाथ गुप्ता ने बताया कि सुबह से ही लोगों की लंबी लाइन लगनी शुरू हो गयी थी।