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 सरकार की टाटा कम्युनिकेशंस से बाहर निकलने की योजना -2.85 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री की पेशकश की 

 सरकार की टाटा कम्युनिकेशंस से बाहर निकलने की योजना -2.85 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री की पेशकश की 

नई दिल्ली । मोदी सरकार ने टाटा कम्युनिकेशंस से बाहर निकलने की योजना बना ली है। टाटा कम्युनिकेशंस लिमिटेड में अपनी 16.12 फीसदी की हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। सरकार ने शुरुआत में 2.85 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री की पेशकश की है। यह बिक्री ऑफर फॉर सेल के जरिए की जाएगी। इसके लिए न्यूनतम मूल्य 1,161 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। सरकार ने कहा है कि वह टाटा कम्युनिकेशंस लि. (टीसीएल) में बिक्री पेशकश (ओएफएस) के जरिये मंगलवार को अपनी 16.12 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। टाटा कम्युनिकेशंस (जो पहले वीएसएनएल कहलाती थी) से बाहर निकलने की योजना के तहत सरकार ने शुरुआत में 2.85 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री की पेशकश की है। यानी इससे करीब 3300 करोड़ रुपये जुटने की उम्मीद है। यह कंपनी की 10 प्रतिशत पेडअप इक्विटी शेयर पूंजी के बराबर है। इसके अलावा सरकार अधिक बिड‍िंग विकल्प में अतिरिक्त 1.74 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री कर सकती है। यह टाटा कम्युनिकेशंस में 6.12 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर होगा। 
खबर के अनुसार सरकार ने ओएफएस के लिए नोटिस में कहा है कि भारत के राष्ट्रपति टाटा कम्युनिकेशंस के एक प्रवर्तक हैं। प्रवर्तक ने 16 मार्च, 2021 को टाटा कम्युनिकेशंस के 2,85,00,000 इक्विटी शेयरों की बिक्री का प्रस्ताव किया है। यह कंपनी की कुल जारी और चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का 10 प्रतिशत है। यह बिक्री सिर्फ बड़े निवेशकों के लिए होगी। 
गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य तय किया है। इसके पहले 2020-21 के लिए सरकार ने 2.1 लाख करोड़ रुपये का डिसइनवेस्टमेंट टारगेट रखा था। हालांकि, कोविड-19 महामारी के चलते सरकार केवल 19,499 करोड़ रुपये ही जुटा पाई है। टाटा कम्युनिकेशंस में सरकार की कुल 26.12 फीसदी हिस्सेदारी है। इसमें टाटा सन्स की 14.07 फीसदी और पैनाटोन फिनवेस्ट लिमिटेड की 34.8 फीसदी हिस्सेदारी है।
 

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