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वैश्विक सीईओ को 2022 में भी स्थिति सामान्य होने की उम्मीद नहीं  -पहले आधी आबादी के टीकाकरण के इंतजार के पक्ष में

वैश्विक सीईओ को 2022 में भी स्थिति सामान्य होने की उम्मीद नहीं  -पहले आधी आबादी के टीकाकरण के इंतजार के पक्ष में

नई  दिल्ली । अपने दफ्तरों को कोविड19 महामारी के पहले जैसे सामान्य तरीके से खोलने से पहले दु‎निया भर के सीईओ आधी आबादी के टीकाकरण का इंतजार करने के पक्ष में है। वैश्विक स्तर पर ऐसी सोच रखने वाले सीईओ का अनुपात 45 प्रतिशत है। वैश्विक परामर्श कंपनी केपीएमजी द्वारा शीर्ष 500 सीईओ के बीच किये गये सर्वे के अनुसार ज्यादातर वैश्विक सीईओ 2022 में स्थिति सामान्य होने की उम्मीद नहीं कर रहे।
करीब 31 प्रतिशत भारतीय सीईओ को उम्मीद है कि इस साल स्थिति सामान्य हो सकती है। सर्वे में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर 45 प्रतिशत सीईओ ने कहा कि वे कायालयों को पूरी तरह से खोलने से पहले 50 प्रतिशत से अधिक आबादी के टीकाकरण का इंतजार करेंगे जबकि भारत में 76 प्रतिशत सीईओ ने यह बात कही है। इसमें यह भी कहा कि ये सीईओ नई वास्तविकताओं के अनुसार योजना बना रहे हैं। इनमें से करीब एक चौथाई (24 प्रतिशत) सीईओ ने स्वीकार किया कि महामारी के कारण उनका कारोबारी मॉडल सदा के लिये बदल गया है। सर्वे में वैश्विक स्तर पर 76 प्रतिशत सीईओ ने कहा कि सरकर कंपनियों को सामान्य स्तर पर लौटाने को लेकर प्रोत्साहित कर रही है वहीं भारत में यह 86 प्रतिशत है। दफ्तरों या दुकानों को कम करने के बारे में वैविक स्तर पर केवल 17 प्रतिशत सीईओ ने कहा कि वे इस पर विचार कर रहे हैं जबकि देश में इस तरह की सोच रखने वाले सीईओ की संख्या 22 प्रतिशत है।इससे पहले, अगस्त 2020 में वैश्विक स्तर पर 69 प्रतिशत सीईओ ने कहा कि था वे अगले तीन साल में कार्यालय के जगह को कम करेंगे। जबकि भारत में 48 प्रतिशत ने यह बात कही थी।  
यह अध्ययन जनवरी के अखिर और मार्च की शुरूआत में 11 बड़े देशों के सीईओ के बीच किया गया। ये देश हैं...आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत,इटली, जापान,स्पेन और अमेरिका। उनसे महामारी और उसके परिदृश्य के बारे में अगले तीन साल की स्थिति के बारे में सवाल पूछे गये थे।सर्वे में वैश्विक स्तर पर ज्यादातर सीईओ ने पूर्ण रूप से दफ्तर से दूर काम करने लेकर शंका जतायी। केवल 30 प्रतिशत वैश्विक सीईओ कामकाज के हाइब्रिड मॉडल पर विचार कर रहे हैं। इसके तहत कर्मचारियों को सप्ताह में दो से तीन दिन दफ्तर से दूर रहकर काम करने की अनुमति होगी। भारत में यह विचार रखने वाले सीईओ की संख्या 32 प्रतिशत है।

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