
मुंबई । देश की प्रमुख ऑटो कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया को डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) और कस्टम विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कंपनी को सियाज, अर्टिगा और एस-क्रॉस में इस्तेमाल होने वाली हाइब्रिड टेक्नोलॉजी पर करीब 71 करोड़ रुपए की ड्यूटी नहीं चुकाने का आरोप है। कस्टम विभाग के मुताबिक डीआरआई लखनऊ की जांच के बाद मारुति को 105 पेज का कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। इस मामले में एक और नोटिस पर विचार किया जा रहा है। इसमें कंपनी पर करीब 70 करोड़ रुपए की कथित ड्यूटी चोरी का आरोप है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक मारुति इस मामले में सभी तरह के कानूनी विकल्पों पर विचार करेगी। यह मामला 2019 में सामने आया था जब डीआरआई लखनऊ ने इस मामले की जांच शुरू की थी। डीआरआई को अलर्ट किया गया था कि मारुति सुजुकी अपने स्मार्ट हाइब्रिड वीकल फ्रॉम सुजुकी (एसएचवीएस) टेक्नोलॉजी इंजन के लिए मोटर जेनरेटर यूनिट (एमजीयू) यानी ऑल्टरनेटर का इस्तेमाल कर रही है। एजेंसीज का आरोप है कि यह पूरी तरह हाइब्रिड टेक्नोलॉजी नहीं है। 2017 में सरकार ने हाइब्रिड टेक्नोलॉजी कारों में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी पर कस्टम ड्यूटी में छूट की घोषणा की थी। मारुति पर आरोप है कि कंपनी ने सिंपल कार ऑल्टरनेटर यानी एमजीयू का आयात किया और सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से इसमें बदलाव किया। कंपनी ने कस्टम क्लीयरेंस के लिए इसे हाइब्रिड मोटर वीकल्स का सामान बताया। बाद में कंपनी ने अपने ग्राहकों को इस टेक्नोलॉजी को एसएचवीएस नाम दिया।