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महाराष्ट्र में अब मनमानी नहीं कर पाएंगे निजी अस्पताल, सरकार ने कसी नकेल - कोरोना इलाज की दर निश्चित अधिसूचना जारी - मुख्यमंत्री ने दिए सख्त क्रियान्वयन के निर्देश

महाराष्ट्र में अब मनमानी नहीं कर पाएंगे निजी अस्पताल, सरकार ने कसी नकेल - कोरोना इलाज की दर निश्चित अधिसूचना जारी - मुख्यमंत्री ने दिए सख्त क्रियान्वयन के निर्देश

मुंबई, । कोरोना संक्रमण काल में निजी अस्पतालों द्वारा मनमाना दर वसूलने की शिकायतें लगातार आता देख आख़िरकार महाराष्ट्र सरकार ने निजी अस्पतालों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना का इलाज कराने वाले मरीजों के खर्च को रोकने और आम जनता को राहत देने के उद्देश्य से निजी अस्पतालों की उपचार दर को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. इस संदर्भ में कल अधिसूचना जारी कर दी गई। इस अधिसूचना के तहत अब निजी अस्पतालों पर सरकार ने नकेल कस दी है, इससे वे अब मनमानी नहीं कर पाएंगे। अधिसूचना के अनुसार शहरों का वर्गीकरण करके दर सुनिश्चित की गई है। अब सुनिश्चित दर से ज्यादा वसूली नहीं की जा सकती है। इस अधिसूचना पर कड़ाई से प्रभावी अमल करना अनिवार्य होगा। इस संदर्भ में सभी संबंधित जिलाधिकारी और मनपा आयुक्तों को निर्देशित करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है। निजी अस्पतालों में कोरोना प्रभावित रोगियों के लिए ८० प्रतिशत बेड सरकार ने निश्चित किया है, बाकी २० प्रतिशत बेड निजी अस्पतालों के लिए निश्चित किए जाने की अधिसूचना कल समाप्त हो गई थी। उस अधिसूचना की अवधि बढ़ाते समय शहरों के वर्गीकरण के अनुसार संशोधन किया गया है। इससे पहले अधिसूचना में बड़े शहरों व अति दुर्गम इलाकों के अस्पतालों की दर एक समान थी। शहरों के वर्गीकरण के कारण उपचार खर्च में बड़ी राहत मिलेगी। दरों के लिए शहरों के दर्जे के अनुसार वर्गीकरण किया गया है। अ, ब, क समूह में शहरों का वर्गीकरण किया गया है। इसके कारण अब शहरी व ग्रामीण भाग में उपचार की दर अलग-अलग होने से ग्रामीण भागों के रोगियों का उपचार खर्च कम होने की संभावना होगी। दरअसल निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना मरीजों से मनमानी वसूली को रोकने के लिए राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना के तहत शहरों का वर्गीकरण कर अलग-अलग शहरों के लिए अलग दर निर्धारित की गई है। इसके तहत ‘अ’ वर्ग शहरों के लिए ४,००० रुपए, ‘ब’ वर्ग शहरों के लिए ३,००० रुपए और ‘क’ वर्ग शहरों के लिए २,४०० रुपए दर निर्धारित की गई है। इसमें आवश्यक देख-रेख, नर्सिंग, निरीक्षण, दवा, बेड खर्च व भोजन का समावेश होगा। कोविड निरीक्षण खर्च निश्चित की हुई दर के हिसाब से देना होगा। केवल बड़ा निरीक्षण व जांच के साथ महंगी दवा को इससे अलग रखा गया है।
- वेंटिलेटर सहित आईसीयू व क्वॉरंटीन
अ वर्ग शहरों के लिए ९,००० रुपए, ब वर्ग शहरों के लिए ६,७०० रुपए और क वर्ग शहरों के लिए ५,४०० रुपए निर्धारित किए गए हैं।
- केवल आईसीयू व क्वॉरंटीन
अ वर्ग शहरों के लिए ७,५०० रुपए, ब वर्ग शहरों के लिए ५,५०० रुपए और क वर्ग शहरों के लिए ४,५०० रुपए तय किए गए हैं। अ वर्ग शहर मुंबई महानगर क्षेत्र (भिवंडी, वसई-विरार छोड़कर), पुणे महानगर क्षेत्र, नागपुर (नागपुर मनपा, दिगडोह, वाडी) का समावेश है। ब वर्ग शहर नाशिक, संभाजीनगर, अमरावती, भिवंडी, सोलापुर, कोल्हापुर, वसई-विरार, मालेगांव, नांदेड, सांगली का समावेश है।
क वर्ग भाग अ और ब वर्ग शहरों के अतिरिक्त अन्य सभी जिला मुख्यालय का वर्गीकरण किया गया है।
 

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