
नई दिल्ली । टेस्ला के सीईओ एलन मस्क समेत दुनियाभर के तमाम दिग्गज और अरबपति क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की सलाह दे रहे हैं। इस बीच अब इंफोसिस के को-फाउंडर और चेयरमैन नंदन नीलेकणी ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी का समर्थन किया है। उन्होंने भारतीयों से डिजिटल करेंसी को बतौर संपत्ति की तरह उपयोग करने की सलाह दी है। एक इंटरव्यू में नीलेकणि ने कहते हैं, जैसे आपके पास सोने या रियल एस्टेट में कुछ संपत्ति है, वैसे ही आप अपनी कुछ संपत्ति क्रिप्टो में रख सकते हैं। मुझे लगता है कि क्रिप्टो के लिए एक स्टोर वैल्यू के रूप में काम करता है लेकिन निश्चित रूप से लेनदेन के अर्थ में नहीं है। नीलेकणि ने कहा कि लोगों और व्यवसायों को 1.5 ट्रिलियन डॉलर बाजार में टैप करने की अनुमति देने से क्रिप्टोकरेंसी रखने वाले लोग भारत की अर्थव्यवस्था में अपना पैसा लगा सकते हैं। बुधवार को बिटकॉइन समेत प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में फिर से गिरावट आई। 9 जून को सुबह आईएसटी पर बिटक्वाइन 3.22 फीसदी गिरकर 32,592.33 दो सप्ताह के निचले स्तर 32,592.33 पर आ गई है। बिटकॉइन की कीमत पेशेवर निवेशकों की दिलचस्पी से बढ़ी है। जानकारी के अनुसार बुधवार सुबह दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथर 5.82 फीसदी घटकर 2,446.88 डॉलर रह गई। वहीं डॉगक्वाइन की कीमत जनवरी में एक पैसे से भी कम से बढ़कर मई में लगभग 70 सेंट हो गई। यह वर्तमान में लगभग 31 सेंट पर कारोबार कर रहा है।