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खगोलविदों ने पता लगाया, पहला तारा कब चमका था -बिगबैंग के बाद की घटना के गवाह बनेंगे वैज्ञानिक

खगोलविदों ने पता लगाया, पहला तारा कब चमका था -बिगबैंग के बाद की घटना के गवाह बनेंगे वैज्ञानिक

लंदन  ।  दु‎निया भर के वैज्ञानिक यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि ब्रह्माण्ड में पहला तारा कब चमका था। अब खगोलविदों ने यह गणना करने में सफलता पा ली है कि पहले तारे ने कब चमकना शुरू किया था। खगोलीय भोर या कॉस्मिक डॉन के तौर पर कही जाने वाली यह घटना बिगबैंग के बाद से 25 से 30 करोड़ साल पहले शुरू हुई थी। शोधकर्ताओं ने गणना की है कि वे अगले साल के शुरू में इन शुरुआती तारों को जन्म लेते भी देख सकेंगे। वैज्ञानिकों को इस साल के अक्टूबर में प्रक्षेपित होने जा रहे नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से बहुत उम्मीदें हैं। उन्हें आशा है कि वे समय के पीछे की इस घटना को देख सकेंग और ब्रह्माण्ड की शुरुआत के साथ नाभकीय संलयन से ऊर्जा पाने ले पहले तारों की पैदाइश के गवाह बन सकेंगे। खगोलविदों ने अनुमान लगाया है कि ब्रह्माण्ड करीब 13.8 अरब साल पहले अस्तित्व में आया था। लेकिन वह कुछ लाख सालों तक शांत और अंधेरे में रहा था जिसके बाद विस्तार में भरी हाइड्रोजन गैस गुरुत्व के प्रभाव से पास आई और उच्च तापमान पर पहुंची जिससे नाभकीय संलयन प्रतिक्रिया हुई और हमारे सूर्य के जैसे शुरुआती तारों का उदय हुआ। इसमें अतरराष्ट्रीय खगोलविदों की टीम ने बताया है कि कैसे उन्होंने हबल और स्पिट्जर टेलीस्कोप की तस्वीरों की मदद से छह सुदूर गैलेक्सी का अध्ययन किया जिनसे आने वाले प्रकाश ने पृथ्वी तक पहुंचने में उतना ही समय लिया जितना समय शुरुआती तारों को बने हुआ है। 
शोधकर्ताओं ने उन अवलोकनों को पृथ्वी पर स्थित आटाकामा लार्ज मिलीमीटर ऐरे, चिली स्थित वेरीलार्ज टेलीस्कोप, द जैमिने साउथ और हवाई में दो केक टेलीस्कोप की तस्वीरों से मिलाया। उन्होंने इनसे गणना कर पाया कि इस प्रकाश को हम तक पहुंचने में 13 अरब साल का समय लगा। खगोलविदों का मानना है कि तारों का जन्म लेना एक बहुत धीमी प्रक्रिया है जिसमें संयोजनात्मक विस्फोट की जगह एक के बाद एक क्रियाएं होती हैं। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में प्रोफेसर रिचर्ड एलिस ने बताया कि उनकी टीम ने पाया कि इन छह गैलेक्सी की उम्र थोड़ी अलग थी इसलिए उन्होंने सभी का एक साथ अध्ययन नहीं किया। अब शोधकर्ता बेसब्री से नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की स्थापना का इंतजार कर रहे हैं। जेम्स वेब टेलीस्कोप हबल से सात गुना ज्यादा शक्तिशाली है और इंफ्रारेड टेलीस्कोप होने के कारण लंबी दूर का अवलोकन कर सकेगा जो समय में पीछे जाने के लिहाज से बहुत अहम है।
जेम्स टेलीस्कोप हब का स्थान लेगा जो अभी तक खगोलीय यात्रा के लिए दूरबीन का काम दे रहा था। इसे आगामी 31 अक्टूबर को प्रक्षेपित करने की तैयारी है। बता दें ‎कि हबल टेलीस्कोप अंतरिक्ष में स्थापित वह वेधशाला है जो अब तक हमारे वैज्ञानिकों के लिए अंतरिक्षीय अवलोकनों का सबसे बड़ा और प्रमुख स्रोत रही है। इससे हमें ब्रह्माण्ड के कई रहस्यों की जानकारी मिल सकी है जिसमें ब्लैकहोल, नेबुला, गैलेक्सी और तारामंडल शामिल हैं। लेकिन हमारे खगोल विद एक अवलोकन अब तक नहीं कर सके हैं, वह है ब्रह्माण्ड के शुरुआती तारों की जानकारी हासिल करना, जो बिगबैंग के ठीक बाद का समय का था।
 

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